मुंबई में बढ़ते कोरोना के संकट काल मे हर किसी को एक दूसरे का हाथ पकड़कर चलने की जरूरत है. हर किसी को एक दूसरे को समझना होगा और समझाना भी होगी तभी होगी हैप्पी एंडिंग. वहीं मुंबई में आये दिन कुछ ऐसा देखने को मिलता है जिसे देख व्यक्ति के स्वभाव पर कई सवाल खड़े होने लगते हैं.


हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया में वायर हुआ था. वीडियो मुंबई के अंधेरी इलाके में स्थित ओशिवारा पुलिस स्टेशन की कार्यछेत्र का बताया जा रहा था. उस वीडियो में दिखाई देता है कि एक पुलिस वाला कैसे एक फल बेचने वाले के स्टाल को पलट देता है और इतना ही नहीं तरबूजे पर डंडे मारकर उस में छेद करने की कोशिश करता नजर आता है.


आरपीएसएफ के जवान ने मास्क का स्टाल लगाए शख्स के स्टाल को पलट दिया


कुछ ऐसा ही एक और वाकया सामने आया है जिसमें कुछ आरपीएसएफ के जवान रेलवे स्टेशन के बाहर मास्क का स्टाल लगाए शख्स के स्टाल को पूरा पलट देता है और फिर दूसरे स्टाल वाले का कॉलर पकड़कर उसे अपने साथ ले जाता है.


यह पूरी वारदात उस इलाके में लगी सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. दरअसल यह घटना कुर्ला रेलवे स्टेशन के बाहर की है जहां पर कुछ लोग अपना स्टाल लगाते हैं. उस जगह पर स्टॉल लगाना ही गैरकानूनी है पर ये वो लोग है जो वहां कई सालों से स्टाल लगाकर अपनी जीविका चलाते हैं.


शख्स को थाने ले गए और घंटों बिठाने के बाद वॉर्निंग देकर छोड़ा


सूत्रों ने बताया कि यह घटना 10 मई करीब शाम 3 बजकर 46 मिनट की है जब कुछ आरपीएसएफ के जवान स्टेशन के परिसर के बाहर भीड़भाड़ ना हो इस वजह से स्टॉल वालों को वहां से हटा रहे थे. इसी बीच एक आरपीएसएफ वाले ने तो मास्क बेचने वाले का स्टाल ही पूरा पलट दिया और उसके मास्क जमीन पर गिरा दिए.


इसके बाद दूसरे स्टाल वाले को पीटा और फिर उसका कॉलर पकड़कर उसे अपने पोस्ट पर ले गए और घंटों बैठाने के बाद उन्हें वार्निंग देकर छोड़ दिया. स्टॉल चलाने वालों का कहना है कि अगर वो स्टॉल नही लगाएंगे तो उनके घर का चूल्हा कैसे जलेगा.


हिंसक अंदाज में करवाई करना कितना उचित है?


लोगों का मानना है कि कोरोना के डर से अगर वो काम नहीं करेंगे तो वो खाएंगे क्या? पुलिस का कहना है अगर वो उन्हें हटाएंगे नहीं तो भीड़ जमा होगी, सोशल डिस्टनसिंग का पालन नहीं होगा और लोगों में संक्रमण का खतरा बनेगा.


बात तो सभी की सही है, ऐसे में क्या इस तरह हिंसक अंदाज में करवाई करना उचित होगा या फिर वर्दी वालों को कोई और भी तरीका सोचने की आवश्यकता है.


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