RRB-NTPC परीक्षा को लेकर यूपी और बिहार में जमकर प्रदर्शन जारी हैं. छात्रों ने अपनी कई मांगों और परीक्षा को लेकर चिंताओं को लेकर पिछले कुछ दिनों में कई जगह प्रदर्शन किए और इस दौरान कुछ जगहों पर हिंसा भी देखी गई. पटना में हुई हिंसा को लेकर यहां के डीएम ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि कैसे ये आग भड़की.


पूछताछ के आधार पर एफआईआर में नाम 


पटना के डीएम चंद्रशेखर ने कहा कि, 24 जनवरी को राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन पर लगभग 5 घंटे तक रेलवे का परिचालन बाधित किया गया. इस दौरान वहां पर पत्थरबाजी और आगजनी जैसी घटनाएं भी हुई थीं. उसी को लेकर स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. जो लोग पकड़े गए थे उनसे पूछताछ के आधार पर कोचिंग सेंटर और उन्हें चलाने वालों के नाम सामने आए. लगभग 6 ऐसे संस्थान हैं, जिनका नाम सामने आया है. फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है. 24 तारीख के बाद कोई नई एफआईआर दर्ज नहीं हुई. 


पटना के डीएम ने कहा कि, जिन लोगों के नाम एफआईआर में हैं उन्हें पूरा मौका दिया जा रहा है. वो पुलिस के सामने आकर अपना पक्ष रख सकते हैं. उन्हें साक्ष्य के साथ अपना पक्ष रखना चाहिए. सबूतों के ही आधार पर आगे की कार्रवाई होगी. 


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रेलवे ने बताया कमेटी बनाने में क्यों हुई देरी? 


ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे के CPRO राजेश कुमार ने इस घटना को लेकर कहा कि, मैं सभी छात्रों को कहना चाहता हूं कि आप सभी ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया है और इस परीक्षा को पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित कराया गया. परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं है. आरआरबी ने नियमों के तहत ही परीक्षा करवाई. अब हमारे और छात्रों के बीच कुछ चिंताएं हैं, जिन्हें ठीक करने के लिए रेल मंत्रालय ने हाई पावर कमेटी का गठन किया है. रेलवे के सीपीआरओ ने कहा कि, छात्रों को क्या समस्या है वो साफ तौर पर हमारे सामने आ नहीं रहे थे, इसीलिए देरी हुई. लेकिन हम छात्रों को पूरी तरह से सुनेंगे. 


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