नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने 500 करोड़ रुपए के बैंक घोटाला मामले में मुंबई स्थित पनवेल के करनाला नागरिक सहकारी बैंक के चेयरमैन विवेकानंद शंकर पाटील को गिरफ्तार किया है. पाटिल को गिरफ्तारी के बाद ईडी की विशेष कोर्ट के सामने पेश किया गया जहां से उसे पूछताछ के लिए 25 जून तक ईडी की रिमांड पर भेजा गया है.
ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि विवेकानंद शंकर पाटिल की बैंक अधिकारियों से बहुत अच्छी मिलीभगत थी जिसके चलते उसका उन बैंकों पर सिक्का चलता था जहां से उसने यह घोटाला किया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक विवेकानंद शंकर पाटील ने सैकड़ों करोड़ रुपए के इस घोटाले को अंजाम देने के लिए फर्जी लोन अकाउंटों का सहारा लिया था. यह फर्जी लोन अकाउंट करनाला चैरिटेबल ट्रस्ट और करनाला स्पोर्ट्स एकेडमी के नाम पर बनाए गए थे. यह दोनों ही ट्रस्ट पाटिल ने बनाई थीं.
ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि यह घोटाला तब सामने आया था जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साल 2019 -20 में ऑडिट करने के आदेश जारी किए थे. बैंक अधिकारियों से तगड़ी मिलीभगत के चलते पाटिल के इशारे पर बैंकों से लोन की रकम को इधर-उधर भेज दिया जाता था. दिलचस्प यह भी है कि लोन की जिस राशि को अचल संपत्ति की खरीद के लिए दिखाया जाता था उस बाबत भी कितने रुपए की स्टैंप ड्यूटी ली गई इसकी भी कोई जानकारी प्रशासन को नहीं दी जाती थी और लोन का पैसा पाटिल के इशारे पर उसके ट्रस्ट के खातों में भेज दिया जाता था. जहां से पैसा अलग-अलग जगहों पर भेजा जाता था.
ईडी का दावा है कि इस पूरे घोटाले के दौरान बैंक अधिकारियों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइनों और बैंकों के केवाईसी नियमों का पालन भी नहीं किया जिसके चलते सीधा फायदा पाटिल को हुआ. इस घोटाले के बाद जिस खाते में यह पैसा भेजा गया था वह खाता एनपीए यानी लोन लौटाने के लिए नाकाबिल घोषित कर दिया गया. ईडी ने मामले की जांच के बाद पाटिल को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. उसे आज ईडी की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया जहां से उसे अदालत ने पूछताछ के लिए 25 जून तक ईडी रिमांड पर भेजा है.
अब ईडी जानना चाहता है कि पाटिल की किन बैंक अधिकारियों से सांठगांठ थी और यह पैसा कहां-कहां भेजा गया. इन पैसों से कौन-कौन सी जायदादें खरीदी गईं और इस पैसे से रिश्वत की कितनी रकम बैंक अधिकारियों को दी गई. इस पूछताछ के बाद ईडी इस मामले में कुछ और बैंक अधिकारियों को गिरफ्तार भी कर सकता है और कुछ अचल संपत्तियों को जब्त करने की कार्यवाही भी कर सकता है. मामले की जांच जारी है.
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