राज्यसभा से आज पास हो सकता है तीसरा किसान बिल, हंगामे के चलते कल पेश नहीं हो सका था
लोकसभा में तो मोदी सरकार के पास जबरदस्त बहुमत है. लेकिन राज्यसभा में मोदी सरकार के पास बहुमत नहीं है. हर बार उसे बिल पारित करवाने के लिए उन्य दलों पर निर्भर रहना पड़ता है.
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नई दिल्ली: कृषि क्षेत्र से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयकों को राज्यसभा ने विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच रविवार को ध्वनिमत से पारित कर दिए गए. अब तीसरा बिल भी आज राज्यसभा में पेश किया जा सकता है, कल हंगामे के चलते सदन में पेश नहीं हो सकता था. इन बिलों को लेकर किसान संगठन और विपक्ष लगातार विरोध कर रहे हैं.
लोकसभा ने 15 सितंबर को आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी थी. इस बिल में खाद्य पदार्थों जैसे अनाज, दालें और प्याज को नियंत्रण मुक्त करने का प्रावधान है. बिल में बताया गया है कि अनाज, दलहन, खाद्य तेल, आलू-प्याज आवश्यक वस्तु नहीं होंगे. उत्पादन, स्टोरेज, डिस्ट्रीब्यूशन पर सरकारी नियंत्रण खत्म होगा. फूड सप्लाई चेन के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी. उपभोक्ताओं के लिए भी कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी. सब्जियों की कीमतें दोगुनी होने पर स्टॉक लिमिट लागू होगी.
बिल पारित होने में नहीं होगी कोई दिक्कत लोकसभा में तो मोदी सरकार के पास जबरदस्त बहुमत है. लेकिन राज्यसभा में मोदी सरकार के पास बहुमत नहीं है. हर बार उसे बिल पारित करवाने के लिए उन्य दलों पर निर्भर रहना पड़ता है. किसी भी विवादित बिल पर उसे उन दलों का सहारा मिलता रहा है जो न तो एनडीए का हिस्सा हैं और न ही यूपीए का.
अगर लोकसभा में हुई बहस के दौरान पार्टियों का रुख राज्यसभा में भी वही रहता है तो एनडीए के पास फिलहाल 122 सांसदों का समर्थन हासिल है. जो बहुमत से 1 ज़्यादा है. इनमें एनडीए के सहयोगी दल तो शामिल हैं ही, लेकिन बिल को समर्थन देकर सबसे ज़्यादा चौंकाया है शिवसेना ने. आइए देखते हैं कि सरकार के पास कितना आंकड़ा है.
बीजेपी- 86 , एआईएडीएमके- 9 , जेडीयू- 5 , (बीपीएफ, एमएनएफ, एनपीपी, एपीएफ, एलजेपी, आरपीआई, एसडीएफ) - 7, (निर्दलीय और नामांकित)- 6, शिवसेना- 3 और वाईएसआर कांग्रेस- 6
अगर यूपीए और बाक़ी विपक्षी दलों की बात की जाए तो उनके पास 98 सांसदों का समर्थन हासिल है. कांग्रेस- 40 , टीएमसी- 13, समाजवादी पार्टी- 8, आरजेडी- 5, आम आदमी पार्टी- 3, (एमडीएमके, सीपीआई, मुस्लिम लीग, जेडीएस, जेएमएम, केरल कांग्रेस एम, एलजेडी, पीएमके)- 8 , एनसीपी- 4, सीपीएम- 5, डीएमके- 7, अकाली दल- 3.
ऐसे में साफ है कि लोकसभा के मुकाबले राज्यसभा में मोदी सरकार को भले ही बहुमत नहीं हो, लेकिन इस बिल को समर्थन दे रही पार्टियों को मिलाकर बहुमत के बिल्कुल करीब पहुंच जाती है. लिहाजा लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में भी बिल पारित करवाने में मोदी सरकार के सफल रहने की संभावना ज्यादा है.
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