नई दिल्ली: देश के चार राज्यों यूपी, बिहार, गुजरात और मध्यप्रदेश के कुछ जिलों से नकदी की कमी को लेकर खबरें आ रही हैं. लोग शिकायत कर रहे हैं कि एटीएम और बैंक से पैसे नहीं मिल रहे हैं. परेशान लोग एटीएम के चक्कर लगा रहे हैं. लोगों को एक बार फिर से नोटबंदी के समय का मुश्किल वक्त याद आ रहा है.


दो साल पहले नवंबर में नोटबंदी हुई थी और आज डेढ़ साल बाद देश के तीन राज्यों में वैसे ही हालात बन गए हैं. बिहार में एबीपी न्यज़ से बात करते हुए कुछ लोगों ने कहा कि सरकार कैशलेस की बात करती है लेकिन यहां कार्ड से कोई पेमेंट नहीं लेता. दवाई की दुकानों पर यह सुविधा नहीं है.


क्या कहा आरएसएस प्रमुख ने?
कैशलेस ट्रांजेक्शन को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया. मुंबई में एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा, ''तकनीक ने कितनी भी तरक्की कर ली हो लेकिन कैशलेस व्यवस्था हमारे समाज में संभव नहीं है. हमें धीरे धीरे कैशलेस करना होगा. कैशलेस के बजाए लेशकैश की व्यवस्था पर समन्वय के आधार पर चलना होगा.''


गुजरात सरकार को थी कैश संकट की भनक
जानकारी के मुताबिक गुजरात सरकार को इस कैश संकट की भनक थी. राज्य के वित्त मंत्री नितिन पटेल ने आरबीआई के रीजनल ऑफिस को कैश के संकट के प्रति आगाह किया था. राज्य सरकार ने आरबीआई से बैंकों को ज्यादा कैश देने की बात कही थी.


जल्द सामान्य होंगे हालात: आरबीआई
देश में अचानक उठे कैश संकट पर रिजर्व बैंक के सूत्रों के मुताबिक त्योहारी मांग की वजह से कैश की कमी हुई है. जितनी जरूरत थी उतना कैश सप्लाई नहीं हुआ है लेकिन स्थिति अब सामान्य हो रही है. रिजर्व बैंक के मुताबिक एक दो दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी.


क्यों हो रही है कैश की दिक्कत?
एसबीआई के बिहार जोन के एजीएम (पीआर) मिथिलेश कुमार ने बताया कि कैश डिपॉजिट का फ्लो कम हुआ है. आरबीआई से कैश भेजने की रिक्वेस्ट करते हैं लेकिन कुछ दिनों से हमें उतना कैश नहीं मिल रहा जिनता जरूरत है. जानकारी के मुताबिक बिहार में एसबीआई के 1100 एटीएम हैं. 1100 एटीएम में रोजाना 250 करोड़ रुपये की जरूरत है. लेकिन अभी 125 करोड़ रुपये यानी आधा पैसा ही मिलता है. पटना में सिर्फ सरकारी बैंकों में ही नहीं प्राइवेट बैंकों के एटीम में भी कैश की किल्लत है.