BJP News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार (15 जून) को मुलाकात कर सकते हैं. लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिली करारी हार के बाद यह संभावित मुलाकात काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. गोरखपुर योगी आदित्यनाथ का गृह क्षेत्र भी है. माना जा रहा है कि यहां पर दोनों के बीच मुलाकात हो सकती है. इस बैठक में यूपी में मिली करारी हार पर मंथन किया जा सकता है.
दरअसल, लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर बीजेपी में मंथन का दौर चल रहा है. शुक्रवार (14 जून) को यूपी और महाराष्ट्र में मिली हार पर मंथन किया गया. इसी तरह से आज पंजाब और हरियाणा को लेकर बैठक होने वाली है. लोकसभा चुनाव में भले ही बीजेपी ने एनडीए के सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बना ली है. मगर 370 सीटें जीतने का टारगेट रखकर चल रही बीजेपी का 240 सीटों पर सिमट जाना बहुत सारे सवाल खड़े कर रहा है.
तीन राज्यों में मिली हार ने बिगाड़ा बीजेपी का खेल
बीजेपी की हार की प्रमुख वजह तीन राज्य रहे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा शामिल हैं. इन राज्यों में बीजेपी ने पिछले चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ और नतीजा हम सभी के सामने हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के शुरुआती मूल्यांकन के आधार पर बताया है कि आखिर वो क्या वजहें रही हैं, जिनकी वजह से चुनाव में इतनी बुरी स्थिति पैदा हो गई. आइए इन वजहों को समझने की कोशिश करते हैं.
बीजेपी की हार की प्रमुख वजहें क्या रही हैं?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी नेताओं ने बताया कि जाट, दलित और मुस्लिम वोट एकमुश्त तरीके से विपक्ष को मिले हैं. बीजेपी ने बेहद खराब तरीके से चुनाव मैनेज किया, जिसमें उम्मीदवारों का सेलेक्शन भी शामिल है. उनका कहना है कि बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों ने भी बाकी विषयों के साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ माहौल बना दिया, जिससे तीन राज्यों में पार्टी को 45 सीटों का नुकसान हुआ. बीजेपी को यूपी में 33, राजस्थान में 14 और हरियाणा में महज 5 लोकसभा सीटों पर जीत मिली.
यूपी में क्यों मिली बीजेपी को हार?
देश के सबसे बड़े सूबे में जाट मतदाताओं के बीच बीजेपी को लेकर नाराजगी देखने को मिली. इसकी बड़ी वजह अग्निवीर जैसी योजनाएं रही हैं. बीजेपी नेताओं का कहना है कि 400 पार के नारे की वजह से भी नुकसान हुआ है. विपक्ष ने दलित और पिछले समाज के बीच ये नैरेटिव गढ़ दिया कि अगर बीजेपी को 400 सीटें मिलीं तो वह संविधान बदल देगी. इसकी वजह से पार्टी को यूपी समेत कई राज्यों में चुनावी नुकसान हुआ है. यूपी में पार्टी कैडर के बीच तालमेल भी देखने को नहीं मिला, जिससे नुकसान हुआ.
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