Mohan Bhagwat Speech: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने समाज में जाति और लैंगिक आधार पर भेदभाव को खत्म करने के लिए विशेष प्रयास किये जाने का आह्वान किया. उन्होंने आगे कहा कि सामाजिक परिवर्तन के लिए सभी को प्रयास करने चाहिए. 


आरएसएस प्रमुख गुजरात के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन वडोदरा में रविवार (7 अप्रैल, 2024) को बुद्धिजीवियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे. आरएसएस की एक विज्ञप्ति के अनुसार वह दक्षिण गुजरात के भरूच में शनिवार को एक ऐसे ही कार्यक्रम में शामिल हुए थे।


मोहन भागवत ने क्या कहा?
बैठक को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि ‘सज्जन शक्ति’ को संगठित किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि सद्भाव, पारिवारिक शिक्षा, रीति-रिवाजों का पालन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी मूल्यों की जागृति और नागरिक कर्तव्य में शिक्षा के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रयास किये जाने चाहिए. 


विज्ञप्ति में भागवत के हवाले से कहा गया है, ‘‘समाज में जाति और लैंगिक आधार पर भेदभाव को खत्म करने के लिए विशेष प्रयास किये जाने चाहिए. ’’


इसके अनुसार बैठक के दौरान, स्वास्थ्य, पर्यावरण, कला, साहित्य और सामाजिक परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों ने अपनी परियोजनाओं के बारे में अपने विचार व्यक्त किये. विज्ञप्ति के अनुसार भागवत सोमवार (8 अप्रैल, 2024) की सुबह गुजरात से रवाना होने से पहले रातभर अहमदाबाद में रुकेंगे. 


 मोहन भागवत ने फरवरी में भारत में सबके एक होने की बात कहते हुए कहा था कि हम चाहे किसी भी समाज से ताल्लुक रखते हों, लेकिन हम सब एक हैं और हम सब का एक होना ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है. आज पूरा विश्व ठोकरे खा रहा है, लड़खड़ा रहा है और भारत की तरफ उम्मीद से देख रहा है कि अब दुनिया को भारत से ही रास्ता मिलेगा. 


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