Mohan Bhagwat: मोहन भागवत बोले- सिर्फ जिंदा रहना ही न हो मकसद, जनसंख्या बढ़ाने का काम तो जानवर भी करते हैं
RSS Chief on Population: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि सिर्फ जिंदा रहना ही जिंदगी का मकसद नहीं होना चाहिए. मानव के कई कर्तव्य होते हैं.
Mohan Bhagwat on Population: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन (Mohan Bhagwat) भागवत ने बुधवार 13 जुलाई को धर्म परिवर्तन, जनसंख्या समेत कई मसलों पर चर्चा की. कर्नाटक के चिकबल्लापुरा जिले (Chikballapura District) के मुद्देनहल्ली में सत्य साईं ग्राम स्थित श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस (Sri Sathya Sai University For Human Excellence) के पहले दीक्षांत समारोह में भागवत शामिल हुए. वहां उन्होंने देश में बढ़ती आबादी (Population) को लेकर इशारों में ही काफी कुछ कहने की कोशिश करते हुए इस पर नियंत्रण लगाने का संदेश दिया.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन के दौरान साफ तौर से कहा कि सिर्फ जिंदा रहना ही जिंदगी का मकसद नहीं होना चाहिए. मनुष्य के कई कर्तव्य होते हैं, जिनका निर्वाहन उन्हें समय-समय पर करते रहना चाहिए.
बढ़ती आबादी पर मोहन भागवत का संदेश
मोहन भागवत ने आगे कहा कि सिर्फ खाना और आबादी बढ़ाना, ये काम तो जानवर भी करते हैं. उन्होंने कहा कि ताकतवर ही जिंदा रहेगा, ये जंगल का नियम है. वहीं शक्तिशाली जब दूसरों की रक्षा करने लगे, ये मानव की निशानी है. बता दें कि अभी हाल ही संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत जल्द ही जनसंख्या के मामले में चीन से आगे निकल जाएगा. ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मोहन भागवत का इशारा काफा अहम हो जाता है.
मोहन भागवत ने विकास को लेकर क्या कहा?
आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने विकास के मसले पर भी बात की. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत (Development in India) ने अच्छा विकास किया है. उन्होंने ये भी कहा कि जो विकास मौजूदा दौर में देखने को मिल रहा है उसकी नींव 1857 के दौरान ही पड़ गई थी और बाद में विवेकानंद ने अपने सिद्धांतों से उसे आगे बढ़ाया था.
मधुसूदन साई क्या बोले?
दीक्षांत समारोह (Convocation Ceremony) के दौरान मधुसूदन साई (Madhusudan Sai) ने गणमान्य अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "हमारा कर्म हमारी पहचान है, कर्म हमारी पूजा है. श्री सत्य साई मानव अभ्युदय यूनिवर्सिटी से वैसे स्नातक निकले हैं, जो समाज की सेवा करने के लिए अपने ज्ञान और कौशल को समर्पित करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि किसी के द्वारा कभी भी की जा सकने वाली सेवा का सर्वोच्च रूप समाज के लिए एक बेहतर उदाहरण बनेगा. ये स्नातक इस प्रकार की सेवा के प्रतिमान होंगे.
ये भी पढ़ें:
RSS Chief Mohan Bhagwat: मोहन भागवत बोले- देश के आगे बढ़ने के संकेत अब हर तरफ नजर आ रहे हैं