नई दिल्ली: साल के पहले दिन ही इंटरव्यू देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. इनमें एक मुद्दा राम मंदिर का भी था. प्रधानमंत्री ने इस पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही सरकार अध्यादेश पर विचार करेगी. प्रधानमंत्री के इस बयान पर राजनीतिक और सामाजिक दोनों तरह से माहौल में गर्मी पैदा हो गई है. आरएसएस मंदिर को लेकर पुराने रुख पर कायम है तो पूर्व सांसद वेदांती ने दो दिन में आपसी सहमति के एलान का दावा किया है.
आरएसएस प्रमुख से जब राम मंदिर पर प्रधानमंत्री के जवाब को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि धन्यवाद, भैयाजी जोशी ने कल बोला है. भैयाजी जोशी आरएसएस के सर कार्यवाह यानी नंबर दो हैं. कल भैया जी जोशी ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने क्या कहा मैंने नहीं सुना. पूरा देश चाहता है कि मंदिर बने, जो लोग सत्ता में बैठे हैं उन्होंने भी कहा है. हमने मांग की और अपनी मांग पर अड़े हैं. सरकार चाहे फैसले का इंतजार कर रही हो लेकिन आरएसएस प्रमुख के बयान के बाद 2019 चुनाव से पहले बीजेपी की मुश्किलें जरुर बढ़ी हैं.
वेदांती ने क्या दावा किया?
राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े बीजेपी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने बड़ा दावा किया है. हरिद्वार में वेदांती ने कहा राम मंदिर का मुद्दा सहमति से सुलझा लिया गया है और एक दो दिन में इसका एलान हो जाएगा. राम विलास वेदांति ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो कहा है वो सही कहा है. राम मंदिर का निर्माण हिन्दू और मुसलमानों की आपसी सहमति से किया जायेगा. वेदांती के मुताबिक एक या दो दिन में हिन्दू-मुसलमानों के बीच अन्तर्राष्ट्रीय समझौता होने जा रहा है, इससे जल्द ही राम मंदिर का निर्माण का रास्ता साफ होगा. वेदांती ने मुस्लिम समुदाय को अयोध्या से बाहर मस्जिद बनाने का प्रस्ताव भी दिया है.
शिवसेना बोली- मोदी के लिए भगवान राम कानून से बढ़कर नहीं
बयान के बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा और कोर्ट के फैसले के बाद अध्यादेश की जरुरत से इंकार किया तो वहीं एनडीए की सहयोगी पार्टियों की बड़ी प्रतिक्रिया आयी है. शिवसेना बीजेपी की मंशा पर सवाल उठाए हैं. शिवसेना का कहना है कि मोदी के लिए भगवान राम कानून से बढ़कर नहीं हैं.
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, ''सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राम मंदिर तत्काल रूप से देखने के लिए महत्वपूर्ण विषय नहीं है, पीएम मोदी ने अलग क्या कहा ? भूमिका स्पष्ट करने के लिए मोदी का अभिनंदन, राम मंदिर के लिए अध्यादेश नही निकालेंगे, इनका संवैधानिक तरीके का अर्थ ऐसा कि प्रभु श्रीराम कानून से बड़े नहीं हैं.''
प्रधानमंत्री ने राम मंदिर पर कहा क्या?
राम मंदिर पर अध्यादेश के सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''राम मंदिर पर हमारी सरकार अध्यादेश नहीं लाएगी. कानूनी प्रक्रिया के बाद ही राम मंदिर पर फैसला किया जाएगा. राम मंदिर को लेकर जब तक कानूनी प्रक्रिया चल रही है तब तक अध्यादेश लाने का विचार नहीं है. कानूनी प्रक्रिया इसलिए धीमी है, क्योंकि वहां कांग्रेस के वकील हैं. जो सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में रुकावट पैदा कर रहे हैं.''
उन्होंने कहा, ''हमने बीजेपी के घोषणापत्र में कह रखा है कि राम मंदिर का फैसला संविधान के दायरे में ही होगा. राम मंदिर बीजेपी के लिए भावनात्मक मुद्दा है. कांग्रेस को इस मुद्दे पर रोड़े नहीं अटकाने चाहिए और कानूनी प्रक्रिया को अपनी तरह से आगे बढ़ने देना चाहिए. हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं सेवक जैसी संस्थाओं की तरफ से जल्द राम मंदिर बनवाने की मांग उठी हैं.''
पीएम के बयान पर और किसने क्या कहा?
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी ने बीजेपी को 2019 के चुनाव में नतीजे भुगतने की चेतावनी दी. अयोध्या जमीन विवाद के मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने पीएम मोदी के बयान का स्वागत किया है. वहीं वीएचपी ने कहा है कि वो संत समाज का आदेश का पालन करेगी. पीएम के बयान पर आज दोपहर 12 बजे विश्व हिंदू परिषद प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी.