Mohan Bhagwat News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने मंगलवार (4 जुलाई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजाभाऊ नेने की लिखी हुई गुजराती किताब 'सेतुबंध' (Setubandh) के मराठी वर्जन का विमोचन किया.
मुंबई में यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में मंगलवार की शाम को इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. मौके पर यूपी के पूर्व राज्यपाल राम नाईक और वरिष्ठ संघ सेवक विमल केडिया मुख्य अतिथि के रूप शामिल रहे.
किताब को लेकर क्या बोले मोहन भागवत?
मोहन भागवत ने कहा, "ये किताब लक्ष्मणराव इनामदार और वकील साहेब पर आधारित है. लक्ष्मणराव इनामदार ने आरएसएस टीम के संगठनात्मक कौशल के मूल को आत्मसात कर लिया था. इससे संघ के विचारों को समझना आसान होगा.
अब ये किताब तीन भाषाओं में उपलब्ध है. इसमें हिंदी , गुजराती, मराठी जैसी भाषाएं शामिल हैं. इस किताब में संघ के साथ काम करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्मणराव इनामदार के साथ क्या अनुभव रहा उसका भी जिक्र किया गया है.
स्वयंसेवकों को दी ये सलाह
भागवत ने कहा, "स्वयंसेवकों को किताब में लिखे गए विचार को अपने जीवन में लाना चाहिए. इन विचारों पर चलकर ही गुजरात में टीम का काम देश में सबसे आगे रहा. उनका तरीका श्रमिकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना काम में कमियों और गलतियों के बारे में बताना है. इसी कारण असंख्य कार्यकर्ताओं का उदय हुआ.
क्या बोले विमल केडिया?
इस दौरान वरिष्ठ संघ सेवक विमल केडिया (Vimal Kedia) ने भी अपने विचार सबके सामने रखे. इस मराठी अनुवाद को डॉ. अशोक कामत का भी मार्गदर्शन मिला है. विमोचम कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों के लिए ये किताब बिना पैसे के उपलब्ध करवाई गई है.
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