नई दिल्ली: नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर अफवाहों का बवंडर जारी है. सरकार अफवाह और भ्रम को दूर करने की पूरी कोशिश कर रही है. विपक्ष सवाल पर सवाल पूछ रही है. इन सबके बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि जो भारत को अपनी मातृभूमि मानता है, जो जन, जल, जंगल जमीन जानवर सहित भारत को प्रेम करता है, उसकी भक्ति करता है, जो भारत की उदार संस्कृति को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करता है, ऐसा कोई भी हो, किसी भी भाषा का बोलने वाला हो, किसी भी प्रांत का हो, किसी की पूजा करने वाला हो वो भारत माता का पुत्र हिंदू है. इस अर्थ में 130 करोड़ लोगों का पूरा समाज संघ के लिए हिंदू समाज है.


संघ प्रमुख ने कहा कि हम मिलकर सभी की उन्नति करें, ये विचार है. इस विचार को दुनिया हिंदू विचार कहती है. वो भारत का पारंपरागत विचार है. भारत की मिट्टी में जन्मे सभी विचारधाराओं का वो निष्कर्ष है. लोग कहते हैं आप हिंदुत्ववादी है. हमारा देश परंपरा से हिंदुत्ववादी है. कुछ बदलने की आवश्यकता नहीं है.


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हैदराबाद के शरूरनगर स्टेडियम में संघ की विजय संकल्प सभा के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं. इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत मुख्य अतिथि थे. करीब 20 हजार कार्यकर्ता गणवेश में आरएसएस प्रमुख को सुनने पहुंचे थे. मोहन भागवत ने इशारों में उन लोगों पर भी निशाना साधा जो नागरिकता कानून के बहाने हो रही हिंसा के पीछे के चेहरे और दिमाग हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए लोगों को आपस में लड़ाते भी है. उनके मन में भय उत्पन्न करके अपना साधन पूरा करते हैं. उन लोगों का रूप कुछ होता है लेकिन उनकी वास्तविकता स्वार्थी होती है.


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