'चीन और अमेरिका जैसे नहीं...अपने मॉडल पर विकास करे भारत', बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत
RSS Chief Mohan Bhagwat: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि चीन अमेरिका की तरह नहीं भारत अपने खुद के मॉडल पर विकास करे. उन्होंने कहा कि आज दुनिया में भारतीयों की गर्दन ऊंची हुई है.
RSS Chief Mohan Bhagwat: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भारत का विकास भारत की प्रकृति के अनुसार होगा. शरीर, मन और बुद्धि यह पश्चिमी सोच है. शरीर, मन और बुद्धि के साथ धर्म साथ रखना यह भारत की सोच है. भारत एक धर्म प्राण देश है. भारत के विकास की सोच धर्म और जीवन की धारणा करता है. अमेरिका-चीन जैसा नहीं, भारत अपना विकास धर्म, संस्कृति के अनुसार भारतीय सोच के साथ करे. भारत नकलची नहीं बनेगा. भारत को अपने मॉडल पर विकास करना चाहिए. चीन और अमेरिका की तर्ज पर नहीं.
रविवार को मुंबई के मरीन लाइंस इलाक़े में बिरला मातुश्री हॉल में भारत विकास परिषद के संस्थापक महामंत्री स्व. डॉ. सूरज प्रकाश के जन्मशताब्दी समापन समारोह को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि भारत का जो रूप दुनिया ने देखा वही रूप प्रचलित है, जो सुख दाता, शांति प्रदाता है. हमलोग निस्वार्थ सेवा करते हैं. हम लोगों में अहंकार नहीं है. भारत विश्व को शांति का संदेश देता है, धर्म को अतिवाद के रास्ते पर नहीं जाना चाहिए. धर्म सबके लिए है.
हम बलशाली बनेंगे तो डंडा नहीं चलाएंगे
मोहन भागवत ने कहा कि रूस भी भातरत की बात मानता है और हमारे देश की तारीफ करता है. दुनिया भर में भारतीय लोगो की गर्दन अपने आप ऊपर हो रही है. आज भारत कह रहा युद्ध बंद करो तो रूस कह रहा भारत बहुत अच्छा देश है, यही बात पहले कहता तो रूस झाड़ देता .हम बलशाली बनेंगे तो चीन , अमेरिका और रूस जैसा डंडा नहीं चलायेंगे. हमारे कारण डंडा चलाने वालों के डंडे बंद हो जाएंगे.
भारत की अपनी कल्पना है सेवा की
भागवत ने कहा कि हम विकसित होंगे तो दुनिया का विकास होगा, दुनिया के देश लड़ेंगे नहीं. यह सब करना है तो हम सबको सक्रिय होकर काम करना होगा. जैसे-जैसे भारत मज़बूत हो रहा, दुनिया भर में भारतीय लोगों की गर्दन अपने आप ऊपर हो रही है.
हमारा मानना है कि दो हाथों से कमाओ, हज़ार हाथ से बांटो. यह हमारे देश की कल्पना है. हम लोग निस्वार्थ सेवा करते हैं. हम लोगों में अहंकार नहीं है. धर्म को अतिवाद के रास्ते पर नहीं जाना चाहिए, धर्म सबके लिए है.
सबका विकास हो, ऐसी सोच रखनी चाहिए
उन्होंने कहा कि सबका विकास हो ऐसी सोच रखनी चाहिए. एक के विकास से दूसरे का अवकाश नहीं होगा. व्यापार और कृषि साथ चलेंगे. सबका साथ .. सबका विकास, यह नारा ऐसे ही नहीं दिया है. यह नारा देने वाला भी स्वयं सेवक है. यह विचार उसके मूल मस्तिष्क में है.
कुमार मंगलम बिरला ने कहा- 2047 तक हम विकसित देश बनें
कुमार मंगलम बिरला ने कहा कि आज भारत दुनिया में तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. हमारी आज़ादी को 75 साल हुए. क्या लक्ष्य हमें हासिल करना है यह तय करने का सही समय है. 2047 तक हम विकसित देश बनें, पीएम की संकल्पना इसी तरफ़ है. हमारे यहां लोकतंत्र है. नियम क़ानून हैं और शांति प्रिय देश की छवि है. यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. वर्ल्ड क्लास इंफ़्रास्ट्रक्चर में तेज़ी से काम काज देश भर के लोगों को विकास कार्य में जोड़ने का काम कर रहा है.
जन धन, आधार, टेलीकॉम कनेक्टिविटी यह देश के विकास में कारगर हो रहे, डिजिटल ट्रांज़ेक्शन में बढ़ोतरी विकास में सहायक है. दुनिया के अलग अलग शहरों से लेकर देश के ग्रामीण कोने में बैठकर युवा काम कर रहे हैं. नेचुरल एसेट देश के युवा है.
कोरोना के बाद हमारी छवि बदली है
बिरला ने कहा कि ग़रीबों के वेलफेयर कार्यक्रम लोगों तक प्रभावशाली ढंग से पहुंच रहे हैं. लाखों लोगों को ग़रीबी रेखा से बाहर निकाला जा रहा है. घर घर सौचालय , उज्वला स्कीम से महिलाओं की समस्या को गंभीरता से हल किया जा रहा है. कोरोना के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि बदली है. भारत को निवेश के रूप में देखा जा रहा है. अगले दशक तक दुनिया के कई विकासशील देश भारत को उदाहरण के तौर पर देखेंगे.
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