RSS Chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन (Mohan Bhagwat) भागवत ने बुधवार को कहा कि देश के आगे बढ़ने के संकेत अब हर तरफ नजर आ रहे हैं. चिकबल्लापुरा जिले (Chikballapura District) के मुद्देनहल्ली में सत्य साईं ग्राम स्थित श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस (Sri Sathya Sai University For Human Excellence) के पहले दीक्षांत समारोह (First Convocation Programme) के दौरान भागवत ने कहा, अगर किसी ने 10-12 साल पहले कहा होता कि भारत आगे बढ़ेगा तो हम इसे गंभीरता से नहीं लेते.
उन्होंने कहा कि राष्ट्र की प्रक्रिया तत्काल शुरू नहीं हुई, यह 1857 से है, जिसे स्वामी विवेकानंद द्वारा आगे बढ़ाया गया. संघ प्रमुख ने कहा कि आध्यात्मिक साधनों के जरिये उत्कृष्टता प्राप्त की जा सकती है क्योंकि विज्ञान अभी तक सृष्टि के स्रोत को नहीं समझ पाया है. भागवत ने कहा कि मौजूदा विज्ञान में बाहरी दुनिया के अध्ययन में समन्वय और संतुलन का अभाव है, जिसके परिणामस्वरूप हर जगह विवाद की स्थिति पैदा होती है.
विज्ञान और दुनिया के अध्ययन में संतुलन नहीं
उन्होंने कहा, अगर आपकी भाषा अलग है, तो विवाद है. अगर आपकी पूजा पद्धति अलग है, तो विवाद है और अगर आपका देश अलग है, तो विवाद है. विकास और पर्यावरण तथा विज्ञान और अध्यात्म के बीच विवाद है. कुछ इस तरह पिछले 1,000 साल में दुनिया आगे बढ़ी है. इस मौके पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन, पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर और गायक पंडित एम. वेंकटेश कुमार समेत अन्य लोग उपस्थित रहे.
मन बुद्धि और शरी को जोड़ने वाली कारक आत्मा
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने बताया, 'विज्ञान के पास लिंकिंग फैक्टर का पता लगाने का कोई जवाब नहीं है. हालांकि, कनेक्टिंग फैक्टर का अध्ययन भारतीय परंपरा में है.' उन्होंने आगे कहा, "मन, बुद्धि और शरीर को जोड़ने वाला कारक आत्मा है. ये तीनो आत्मा के सहयोगी के तौर पर काम करते हैं. ठीक इसी तरह से ईश्वर मनुष्य और उसके हितों, समाज और उसके हित और सृजन और उसके हितों को जोड़ने वाला कारक है."
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