Mohan Bhagwat: ‘एक नेता, पार्टी या संगठन से देश में बदलाव संभव नहीं, जब जनता सड़कों पर उतरी तभी देश को मिली आजादी‘- मोहन भागवत
RSS Chief Mohan Bhagwat: मोहन भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम 1857 में शुरू हुआ लेकिन तभी सफल हुआ जब बड़े पैमाने में जागरूकता आई और आम लोग सड़कों पर उतरे.
RSS Chief: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने मंगलवार 10 अगस्त को कहा कि एक नेता अकेले देश के सामने मौजूद सभी चुनौतियों से नहीं निपट सकता है और कोई एक संगठन (Organisation) या पार्टी देश में बदलाव नहीं ला सकती. उन्होंने कहा कि यह विचार संघ की विचारधारा का अधार है. भागवत ने कहा कि देश को तब आजादी मिली जब आम जनता सड़कों पर उतरी.
मराठी साहित्य संगठन विदर्भ साहित्य संघ के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने यह बात कही. आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘एक चीज जो संघ की विचारधारा का आधार है, वह यह है कि कोई एक नेता इस देश के समक्ष मौजूद सभी चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता है. वह ऐसा नहीं कर सकता. चाहे वह कितना भी बड़ा नेता हो.’’
'आम लोगों के सामने आने से होता है बदलाव'
उन्होंने कहा, ‘‘एक संगठन, एक पार्टी, एक नेता बदलाव नहीं ला सकता. वे इसे लाने में मदद कर सकते हैं. बदलाव तब आता है जब आम लोग उसके लिए खड़े होते हैं. भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम साल 1857 में शुरू हुआ लेकिन यह तभी सफल हुआ जब बड़े पैमाने में जागरूकता आई और ‘‘आम लोग सड़कों पर उतरे.’’
'सुभाष चंद्र बोस ने लोगों को लड़ने का साहस दिया'
मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि क्रांतिकारियों ने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया और सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) ने अंग्रेजों के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी की, लेकिन मुख्य बात ये थी कि इससे लोगों को साहस मिला. उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई (Freedom Fight) में हर कोई जेल नहीं गया लेकिन लोगों के मन में ये भावना जरूर थी कि देश को अब आजाद होना चाहिए. उन्होंने कहा कि नेता समाज (Society) नहीं बनाते, बल्कि समाज नेता बनाता है. आरएसएस (RSS) चाहता है कि कि हिंदू समाज अपनी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम हो जाए.
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