RSS Chief Mohan Bhagwat Speech: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने धर्म को बहुत जरूरी बताया. संघ प्रमुख ने कहा, "धर्म भारत का आवश्यक सत्व है और सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है." भागवत ने ये बातें धर्मभास्कर पुरस्कार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा, "जब कभी हिंदू राष्ट्र आगे बढ़ता है, वह उस धर्म के लिए ही आगे बढ़ता है और अब यह ईश्वर की इच्छा है कि सनातन धर्म आगे बढ़े और इसलिए हिंदुस्तान का उदय निश्चित है."


भागवत ने कहा, "हमें अपने धर्म पर दृढ़ रहना चाहिए, भले ही इसके लिए हमें मरना ही क्यों ना पड़े." उन्होंने कहा, "सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है. जब-जब हिंदू राष्ट्र की उन्नति होती है, वो धर्म के उन्नति के लिए होती है." उन्होंने कहा, "सनातन धर्म, हिंदू राष्ट्र है जब भी हिंदू राष्ट्र का उत्थान होता है तो वह देश के लिए होता है." धर्म को परिभाषित करते हुए भागवत ने कहा, "धर्म केवल कोई पंथ, संप्रदाय या पूजा का स्वरूप नहीं है." 


भागवत ने बताया देश कैसे हुआ था गुलाम?


संघ प्रमुख ने कहा, "धर्म का मूल्य यानी सत्य, करुणा, पवित्रता और तपस्या समान रूप से महत्वपूर्ण हैं. अनुकूल परिस्थितियों में सब ठीक रहता है लेकिन विपरीत परिस्थितियों में हम संतों को याद करते हैं." भागवत ने दावा किया कि 1,600 वर्षों तक भारत आर्थिक रूप से पहले नंबर था और बाद में भी यह पहले पांच देशों में से एक रहा. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने हमें गुलाम बनाने के लिए अपनी शिक्षा नीति लागू की और देश गरीब हो गया. 


'हिंदुस्तान का उत्थान निश्चित है'


संघ प्रमुख ने कहा कि कई हमलों के बावजूद भारत, दुनिया के सबसे संपन्न देशों में से एक बना रहा क्योंकि यहां के लोगों ने धर्म के सत्व को बनाए रखा. उन्होंने कहा, "कई आक्रमणों के बावजूद भारत दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक बना हुआ है क्योंकि यहां के लोगों ने 'धर्म के सत्व' को बनाए रखा है. अंग्रेजों ने भारत के 'सत्व' को दूर करने के लिए एक नई शिक्षा प्रणाली शुरू की और देश गरीब हो गया." उन्होंने कहा, "अब यह ईश्वर की इच्छा है कि सनातन धर्म का उदय हो और इसलिए हिंदुस्तान का उत्थान निश्चित है."


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