RSS Mohan Bhagwat: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने रविवार (16 अप्रैल) को आरएसएस (RSS) कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एकजुट रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि हमें हमारे धर्म को बचाना हैं. हमें हिन्दू (Hindu) धर्म को बचाना है. हम सब मिलकर शक्ति हैं. हमें साथ मिलकर धर्म की रक्षा करना है. सबको साथ मिलकर और सबको साथ लेकर चलना है.


मोहन भागवत ने आगे कहा कि कोई दुश्मन नहीं है. हमारे अंदर दुर्भाव नहीं है, देश में किसी से लड़ना नहीं है. वाणी में, मन में, वचन में प्रेम रहना चाहिए. इससे पहले उन्होंने शुक्रवार को कहा था कि भारतीयों को देश को आगे ले जाने के लिए जाति विभाजन के दुष्चक्र से बाहर आने की जरूरत है. मोहन भागवत ने देश में विभिन्न जातियों और संप्रदायों के बीच एकता का भी संदेश दिया था. 


"भारतीयों का डीएनए एक ही है"


आरएसएस प्रमुख ने कहा कि देश में विविध संस्कृतियां होने के बावजूद सभी भारतीयों का डीएनए एक ही है. भारत में व्याप्त सभी विविधताओं को स्वीकार और उनका सम्मान करते हुए हमें यह ध्यान रखना होगा कि हम पहले भारत के हैं. भारतीय संस्कृति, कई लोग इसे हिंदू संस्कृति या सनातन संस्कृति कहते हैं. इसके कई नाम हैं, अलग-अलग भाषाएं, रीति-रिवाज या क्षेत्रीय पहचान होने के बावजूद हमारा डीएनए आखिरकार एक ही है. 


"हमें एकजुट होना होगा"


उन्होंने साथ ही ये भी कहा था कि हम अतीत में एक संयुक्त समाज थे. बाद में हमने इन जातियों और वर्गों का निर्माण किया, जिससे हमारे बीच मतभेद पैदा हुए. अब मैं कह रहा हूं कि विदेशी ताकतों ने उस स्थिति का फायदा उठाया और इस दरार को और चौड़ा किया. हमें इस दुष्चक्र से बाहर आना होगा और एकजुट होना होगा नहीं तो हम देश को आगे ले जाने के अपने सपनों को कैसे साकार करेंगे. 


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