Mohan Bhagwat On Sanatan Dharm: पड़ोसी देश बांग्लादेश में बीते महीनों से राजनीतिक उथल-पुथल जारी है. देश में जारी यह स्थिति अब आर्थिक संकट का रूप लेने लगी है. दुनियाभर की तमाम कंपनियां बांग्लादेश से अपना कारोबार समेट रही हैं, नतीजतन देश की अर्थव्यवस्था और खोखली होती जा रही है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बांग्लादेश की डूबती अर्थव्यवस्था, सांप्रदायिकता और देश में टूटते एकता का असर भारत में भी देखने को मिल सकता है.


मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) मंगलवार को बालनाथ आश्रम में चल रहे महामृत्युंजय महायज्ञ में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में कहा, "संकट भारत को नष्ट करने की ताकत नहीं रखता, भारत सिर्फ एक जमीन का टुकड़ा नहीं है, भारत सनातन है, भारत सनातन धर्म के साथ है, भारत में सनातन धर्म है."


कमजोर वर्ग के उत्थान का बताया फॉर्मूला


आयोजन में शामिल मोहन भागवत ने देश में कमजोर वर्ग के उत्थान के महत्व पर बात की. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, मोहन भागवत ने कहा कि हम सभी को समाज में पिछड़े गरीब भाइयों की प्रगति के लिए प्रयास करना चाहिए. हमारे पास जो कुछ भी है उसे दान कर उनका भला करना चाहिए.  


यज्ञ का मकसद सनातन को बढ़ावा देना


गुरु पीठ महंत बस्तीनाथ ने महामृत्युंजय महायज्ञ का आयोजन कराया. कार्यक्रम में प्रमुख ने महंत ने मुलाकात कर उनका आशीष प्राप्त किया. महंत बस्तीनाथ ने भी मोहन भागवत का आयोजन में शामिल होने के लिए आभार व्यक्त किया. महंत ने बताया कि यज्ञ परंपरा का उद्देश्य सनातन संस्कृति को संरक्षित करना और उसे बढ़ावा देना है. मंहत ने यज्ञ की महत्ता पर जोर देते हुए इसे एकता का सूत्र करार दिया. उन्होंने कहा, पूरा हिंदू समुदाय जात-पात, छुआछूत जैसी मानसिकता से उपर उठ कर इस यज्ञ का एकमुश्त हिस्सा बनता है."


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