RSS Chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने बंटवारे का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि मातृभूमि का विभाजन कभी ना मिटने वाली वेदना है, ये दर्द तब खत्म होगा जब विभाजन निरस्त होगा. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि ये नारों का विषय नहीं है, नारे तब भी लगते थे लेकिन विभाजन हुआ. ये सोचने का विषय है.
मोहन भागवत ने ये बात नोएडा में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान कही. उन्होंने कहा कि जिसको हम अपनी प्रिय मातृभूमि मानते हैं, जिसकी स्वतंत्रता के लिए लोगों ने बलिदान दिए, इतनी पीढ़ियों ने संघर्ष किया, उस मातृभूमि का विभाजन हुआ. मोहन भागवत ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री को भी 14 अगस्त को कहना पड़ता है कि इस अध्याय को भूलना नहीं चाहिए, क्योंकि ये कोई राजनीति का विषय नहीं है. ये हमारे अस्तित्व का प्रश्न है.
आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि जो खंडित हुआ उसको फिर से अखंड बनाना पड़ेगा, ये राष्ट्रिय धार्मिक मानवीय कर्त्तव्य है. भारत के विभाजन में सबसे पहली बलि मानवता की गई. उन्होंने कहा कि विभाजन से ना भारत सुखी है और ना ही वो जो इस्लान के नाम पर विभाजन की मांग किए थे.
'विभाजन के बाद भी दंगे होते हैं'
मोहन भागवत ने कहा कि देश कैसे टूटा, उस इतिहास को पढ़कर आगे बढ़ना होगा. विभाजन के बाद भी दंगे होते हैं. दूसरों के लिए भी वही आवश्यक मानना जो खुद को सही लगे, यह गलत मानसिकता है. अपने प्रभुत्व का सपना देखना गलत है. राजा सबका होता है. सबकी उन्नति उसका धर्म है.
उन्होंने आगे कहा कि हिंदू समाज को संगठित होने की जरूरत है. हमारी संस्कृति विविधता में एकता की है, इसलिए हिंदू यह नहीं कह सकता कि मुसलमान नहीं रहेंगे. अनुशासन का पालन सबको करना होगा. अत्याचार को रोकने के लिए बल के साथ सत्य आवश्यक है.
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