दिल्ली हिंसा के बीच बोले मोहन भागवत- देश का जो होगा उसके लिए हम जिम्मेदार, अंग्रेजों को दोष नहीं दे सकते
दिल्ली में जारी हिंसा के बीच आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि देश में जो कुछ भी उलटा-सीधा हो रहा है तो उसके लिए अंग्रेजों को दोष नहीं दे सकते.
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नागपुरः नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में जारी विरोध प्रदर्शन और दिल्ली में हिंसा के बीच राष्ट्रीय स्वंय सेवक (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है. नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बाबा साहब की लाइनों को कोट करते हुए उन्होंने कहा कि अब देश में जो कुछ भी हो रहा है और होगा उसके लिए अंग्रेजों को दोष नहीं दे सकते हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता टिकी रहे और राज्य सुचारु रूप से चलता रहे इसलिए सामाजिक अनुशासन जरूरी है.
'अंग्रेजों को नहीं दे सकते हैं दोष'
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सरसंघचालक ने कहा, ''अंबेडकर साहब ने संविधान देते समय संसद में अपने भाषण में दो बातें कही थीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि अब हमारे देश का जो कुछ भी होगा उसके लिए हम खुद जिम्मेदार हैं. कुछ रह गया या उल्टा सीधा होता है तो उसके लिए ब्रिटिशों को दोष नहीं दे सकते हैं.''
'राज्य चलाने के लिए अनुशासन जरूरी'
इस दौरान उन्होंने सामाजिक अनुशासन को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, ''हम स्वतंत्र हो गए. राजनीतिक दृष्टि से खंडित क्यों न हो लेकिन स्वतंत्रता मिली. आज अपने देश में अपना राज है. लेकिन यह स्वतंत्रता टिकी रहे और राज्य सुचारु रूप से चलता रहे इसलिए सामाजिक अनुशासन आवश्यक है.''
भगिनी निवेदिता को किया कोट
भगिनी निवेदिता की बातों को कोट करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा, "स्वतंत्रता से पूर्व भगिनी निवेदिता ने हम सबको सचेत किया था. देशभक्ति की दैनिक जीवन में अभिव्यक्ति नागरिकता के अनुशासन को पालन करने की होती है."
भागवत ने बताई कार्यक्रम की महत्ता
कार्यक्रम की बारे में समझाते हुए मोहन भागवत ने कहा, "जब गुलाम थे तब जैसा चलते थे वैसा चलके अब नहीं चलेगा. नागरिक अनुशासन की आदत इसी तरह के कार्यक्रमों से होती है. इस सामाजिक अनुशासन की आदत इन कार्यक्रमों से होती है."
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