मोहन भागवत बोले- ‘बिना संस्कृत के भारत को पूरी तरह से जानना असंभव’
मोहन भागवत ने कहा है कि भारतीय भाषाओं पर अंग्रेजी भाषा के बढ़ते प्रभाव की वजह से ही आज की पीढ़ी के बालक उन भाषाओं के कई शब्दों को नहीं जानते.
नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के चीफ मोहन भागवत ने कहा है कि बिना संस्कृत भाषा के भारत को पूरी तरह से जानना असंभव है. भागवत ने दावा किया कि खुद डॉ. बाबासाहब आंबेडकर संस्कृत न सीख पाने से दुखी थे. उन्हें लगता था कि अगर वे संस्कृत भाषा जान पाते तो भारत की मानसिकता को अच्छी तरह समझ पाते.
नागपुर में कवी कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा, ‘’संस्कृत भाषा को न सीख पाने की वजह से ही बाबासाहब को भारत को जानने के लिए, भारत की परम्पराओं को समझने के लिए पश्चिमी लेखकों की तरफ से संस्कृत ग्रंथो की अनुवादित पुस्तकों पर अवलम्बित रहना पड़ा.’’
मोहन भागवत ने आगे कहा, ‘’इन पश्चिमी लेखकों ने संस्कृत के ग्रंथो का कितना सही अनुवाद किया होगा, यह भी एक पहेली है. शायद इसलिए डॉ आंबेडकर कहते थे कि अगर वे संस्कृत भाषा सीख पाते तो भारत की मानसिकता को वे अधिक अच्छी तरह समझ पाते.’’
उन्होंने कहा, ‘’भारतीय भाषाओं पर अंग्रेजी भाषा के बढ़ते प्रभाव की वजह से ही आज की पीढ़ी के बालक उन भाषाओं के कई शब्दों को नहीं जानते.’’
यह भी पढ़ें-
दिल्ली: पूर्व सीएम शीला दीक्षित को आज आखिरी विदाई, दोपहर 2.30 बजे होगा अंतिम संस्कारयूपी: आज सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने जाएंगे सीएम योगी, प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे आज की दिल्ली की ये तस्वीर शीला दीक्षित के इन फैसलों की देन हैं वेस्टइंडीज दौरे के लिए आज होगा टीम इंडिया का एलान, धोनी नहीं जाएंगे, पंत को मिल सकता है मौका