RSS Chief Security: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) चीफ मोहन भागवत के सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को जेड-प्लस से एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) ड्रिल में अपग्रेड किया गया है. उनकी सुरक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को मिलने वाली सिक्योरिटी के तर्ज पर अपग्रेड की गई है. मोहन भागवत की सुरक्षा की समीक्षा की गई. इसके आधार पर एक पखवाड़े पहले उनकी सिक्योरिटी को बढ़ाने के फैसले को अंतिम रूप दिया गया. 


टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आरएसएस चीफ जब भी किसी गैर-बीजेपी शासित राज्यों का दौरा करते हैं तो इस दौरान उनकी सिक्योरिटी काफी ज्यादा ढीली पाई गई है. इसकी वजह से उनकी जान को खतरा हो सकता है. आरएसएस चीफ देश के प्रमुख गैर-राजनीतिक लोगों में से एक हैं. वर्तमान में उन्हें जेड-प्लस सिक्योरिटी दी जा रही है, जिसमें सीआईएसएफ से प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी और गार्ड शामिल होते हैं. 


कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों के निशाने पर मोहन भागवत! 


सूत्रों ने बताया कि आरएसएस चीफ कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों सहित कई ऑर्गेनाइजेशन के निशाने पर हैं. इस वजह से उनकी जान को खतरा है. सरकार की अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों से आरएसएस चीफ को खतरे को लेकर इनपुट्स मिले हैं. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मोहन भागवत को एएसएस सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की कैटेगरी में कर दिया है. सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सिक्योरिटी अपग्रेड के बारे में आधिकारिक तौर पर सूचित कर दिया गया है. 


एएसएल में कैसे होगी मोहन भागवत की सुरक्षा?


एएसएल स्तर का सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति अगर किसी जिले में जाता है, तो वहां की सिक्योरिटी संभालने वाले विभाग जैसे जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य समेत सभी डिपार्टमेंट्स को उसे सुरक्षा देनी पड़ती है. वे एएसएल में शामिल अधिकारियों के साथ समन्वय करते हैं. सूत्रों ने बताया कि इसमें सुरक्षा का कई लेयर वाला घेरा होता है. सिर्फ विशेष हेलीकॉप्टर से ही उड़ान भरने की इजाजत दी जाती है. इस दौरान सरकार के प्रोटोकॉल का ध्यान रखना होता है. 


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