Samaveda in Urdu: RSS प्रमुख मोहन भागवत करेंगे सामवेद का पहला उर्दू अनुवाद लॉन्च, दिल्ली में होगा कार्यक्रम
Hindu Scriptures In Urdu: आसएस प्रमुख मोहन भागवत उर्दू में अनुवाद किया गया सामवेद दिल्ली में एक कार्यक्रम में लॉन्च करेंगे. इस ग्रंथ का उर्दू अनुवाद बॉलीवुड के एक फिल्ममेकर ने किया है.
Mohan Bhagwat To Launch Urdu Samaveda: चार वेदों में से एक 'सामवेद' (Samaveda) का पहली बार उर्दू (Urdu) में अनुवाद किया गया है. अनुवादित सामवेद का विमोचन शुक्रवार (17 मार्च) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) करेंगे. ये विमोचन दिल्ली के लाल किले पर आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में किया जाएगा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बॉलीवुड स्क्रिप्ट राइटर और फिल्ममेकर इकबाल दुर्रानी (Iqbal Durrani) ने सामवेद का वैदिक संस्कृत से उर्दू में अनुवाद किया है. संघ ने उम्मीद जताई है कि इस कदम से मुस्लिम आबादी के एक बड़े वर्ग को प्राचीन भारतीय ग्रंथ के मूलपाठ को समझने में मदद मिलेगी और वो उसके संदेश को आत्मसात कर पाएगी, जो मानवता की भलाई के लिए है.
मुस्लिम समुदाय तक पहुंच बनाने का प्रयास
रिपोर्ट के मुताबिक, भागवत के दिशा-निर्देश में आरएसएस ने मुस्लिम समुदाय तक पहुंच बनाने के लिए ठोस प्रयास किए हैं. संघ का राष्ट्रीय मुस्लिम मंच लगातार समुदाय के साथ जुड़ा हुआ है. वहीं, कृष्ण गोपाल जैसे आरएसएस के शीर्ष नेता अल्पसंख्यक समुदाय के बीच संघ को लेकर बेहतर समझ बनाने के लिए मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ संवाद करते रहे हैं. बता दें कि 2021 में मोहन भागवत की किताब 'भविष्य का भारत' का अनुवाद उर्दू में किया गया था. तब तत्कालीन शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने उसका विमोचन किया था.
जीवकांत झा कर रहे हैं कार्यक्रम का आयोजन
उर्दू में सामवेद को जिस कार्यक्रम में लॉन्च किया जाएगा, उसका आयोजन जीवकांत झा कर रहे हैं. वो आरएसएस के दिग्गज नेता केएन गोविंदाचार्य से जुड़े रहे हैं और उन्हें अपना मेंटोर बताते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, जीवकांत झा ने कहा कि 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट दारा शिकोह ने प्राचीन हिंदू शास्त्र उपनिषद का अनुवाद करने का प्रयास किया था, जिन्हें उनके भाई औरंगजेब ने मार दिया था. तब से इस्लाम ने हिंदू ग्रंथ का कोई दूसरा अनुवाद करने का साहस नहीं किया है.
'सामवेद मुस्लिमों के लिए भी'
झा ने शास्त्र को एक विज्ञान के रूप में बताते हुए कहा कि वे किसी धर्म विशेष से संबंधित नहीं हैं, बल्कि पूरी मानवता के लिए हैं. उन्होंने कहा कि सामवेद जोकि संगीत और मंत्रों का वेद है, उसका अध्ययन हिंदुओं और मुसलमानों के बीच प्रेम और स्नेह को बढ़ावा दे सकता है. उन्होंने इसे धार्मिक ग्रंथ न बताकर एक सांस्कृतिक ग्रंथ बनाया है. उन्होंने कहा कि उर्दू में इसके अनुवाद के पीछे मुस्लिमों को यह बताने का विचार है कि यह ग्रंथ उनके लिए भी है.