नई दिल्ली: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के सेना को लेकर दिए बयान पर बवाल मच गया है. आरएसएस प्रमुख ने कहा है कि संघ एक सैनिक संगठन नहीं है लेकिन जरूरत पड़े तो स्वंयसेवक सेना से पहले तैयार हो जाएंगे. विपक्ष ने इसे सेना के अपमान से जोड़ दिया.
भागवत के बयान पर आरएसएस की सफाई
मोहन भागवत के बयान पर आरएसएस ने सफाई दी है. आरएसएस का कहना है कि बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा, "भागवत जी ने कहा अगर स्थिति उत्पन्न हुई, अगर संविधान ने इजाजत दी, सेना को समाज को तैयार करने में 6 महीने लगेंगे. आरएसएस के स्वयंसेवक को तीन महीने लगेंगे क्योंकि स्वयंसेवक नियमित अभ्यास करते हैं. सेना और स्वयंसेवक की तुलना की कोई प्रश्न नहीं है. तुलना समाज और स्वयंसेवक के बीच हुई है.''
अमित शाह का टिप्पणी से इनकार
त्रिपुरा में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मोहन भागवत के बयान को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने गोल मोल जवाब दिया. अमित शाह ने कहा, ''मैंने इसे सिर्फ एसएमएस और सोशल मीडिया के जरिए देखा है. भागवत जी क्या बोले मेरे पास इसकी जानकारी नहीं है.''
भागवत को शर्म आनी चाहिए- राहुल गांधी
राहुल ने ट्वीट किया, ‘’'आरएसएस चीफ का यह बयान हर भारतीय का अपमान है, क्योंकि उन्होंने देश के लिए जान देने वालों का अपमान किया है. यह देश के झंडे का भी अपमान है, क्योंकि तिरंगे को सलाम करने वाले सैनिकों का अपमान किया गया है. भागवत को सेना और शहीदों का अपमान करने के लिए शर्म आनी चाहिए.’’ राहुल गांधी पहले ही आरएसएस की विचारधारा पर हमले करते रहे हैं.
भागवत पर मुक़दमा दर्ज होना चाहिए- हार्दिक पटेल
इस मामले में हार्दिक पटेल ने भी बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है, ‘’संघ प्रमुख अब हमारी सेना पर आक्षेप करते है. सेना को कमज़ोर बताने वाले मोहन भागवत से राष्ट्रभक्ति किसको सिखनी हैं. भक्त जवाब ज़रूर देना नहीं तो साहब तनख़्वाह काट लेंगे. सेना का अपमान करने वाले भागवत पर मुक़दमा दर्ज होना चाहिए.’’
संजय सिंह ने उठाए भागवत पर सवाल
आप नेता संजय सिंह ने ट्विटर पर भागवत के बयान को लेकर सवाल उठाए हैं. संजय सिंह ने लिखा, ''अगर ये बयान किसी दूसरी पार्टी के नेता ने दिया होता तो भाजपाई अब तक उसे पाकिस्तान भेज देते. मीडिया तो फांसी की सजा की मांग कर देता लेकिन बात भागवत की है. हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती.
मोहन भागवत ने क्या कहा है?
मोहन भागवत ने बिहार के मुजफ्फरपुर में स्वयंसेवकों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि देश को जरूरत पड़ेगी तो उनके स्वंयसेवक सेना से पहले ही तीन दिन में तैयार हो जाएंगे. हम मिलिट्री नहीं है, लेकिन हमारा अनुशासन उनके जैसा ही है. इतना ही नहीं, मोहन भागवत ने ये भी कहा कि देश को अगर हमारी जरूरत पड़े और हमारा संविधान और कानून इजाजत दे हम तुरंत तैयार हो जाएंगे.