(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
नितिन गडकरी के बाद अब RSS ने भी गरीबी को बताया 'दानव' जैसी चुनौती
RSS on Poverty: आरएसएस (RSS) महासचिव दत्तात्रेय होसबाले (Dattatreya Hosabale) ने कहा कि गरीबी के 'दानव' को मारना जरूरी है. 20 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, जो बेहद ही दुखद है.
RSS on Poverty and Unemployment: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने सोमवार (3 अक्टूबर) को देश में गरीबी, बेरोजगारी और आर्थिक विषमता को लेकर चिंता जाहिर की है. आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले (Dattatreya Hosabale) ने कहा कि गरीबी एक 'दानव' जैसी चुनौती की तरह है. उन्होंने गरीबी (Poverty) पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि करीब 20 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. उन्होंने इस स्थिति के लिए पिछले कई दशकों की आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है.
आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले (Dattatreya Hosabale) ने ये भी कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए पिछले कुछ सालों में कई कदम उठाए गए हैं.
गरीबी 'दानव' जैसी चुनौती- RSS
स्वदेशी जागरण मंच की ओर से स्वाबलंबी भारत अभियान के तहत आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि कई प्रगति के बावजूद अभी भी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां देश चुनौतियों का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि गरीबी हमारे सामने एक दानव जैसी चुनौती है. हमारे लिए गरीबी के दानव को मारना जरूरी है. 20 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, जो बेहद ही दुखद है. उन्होंने एक आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि 23 करोड़ से अधिक लोगों की आय 275 रुपये प्रति दिन से कम है.
बेरोजगारी पर भी जताई चिंता
दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि देश में चार करोड़ बेरोजगार हैं. श्रम बल सर्वेक्षण के मुताबिक हमारे यहां बेरोजगारी दर 7.6% है. उन्होंने नौकरियों की कमी, उचित शिक्षा, खराब पोषण और स्वच्छ पेयजल की कमी और पर्यावरण के मसले पर भी चिंता जाहिर की. अपनी टिप्पणी का समर्थन करने के लिए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों हवाला दिया. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन गरीबी का एक कारण है और कई जगहों पर सरकार की अक्षमता गरीबी के लिए जम्मेदार है. नौकरी चाहने वालों को नौकरी प्रदाता बनने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है.
नितिन गडकरी ने भी जताई थी चिंता
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने गुरुवार (29 सितंबर) को कहा था कि भले ही भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग गरीबी का शिकार है. उन्होंने कहा था कि देश की बड़ी आबादी भुखमरी, बेरोजगारी (Unemployment), जातिवाद, अस्पृश्यता और मुद्रास्फीति जैसे मुद्दों का सामना कर रही है. देश में अमीर और गरीब के बीच की खाई और चौड़ी हुई है, जिसे पाटने की जरूरत है. गडकरी आरएसएस से प्रेरित संगठन भारत विकास परिषद की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
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