तिरुवनंतपुरम: केरल में आई भीषण बाढ़ और बारिश की वजह से अब तक 370 लोगों की जानें चली गई हैं, वहीं लाखों लोग इससे बुरी तरह से प्रभावित हैं. देश और दुनिया भर के लोग अलग-अलग तरह से पीड़ितों की मदद में जुटे हैं. लेकिन इन सबके बीच कुछ आम और खास लोगों को लगता है कि ये बाढ़ महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की अनुमति दिए जाने से जुड़े फैसले और इससे गुस्साए भगवान के प्रकोप से आई है.


RBI निदेशक ने बाढ़ को महिलाओं से जोड़ा
अचरज की बात ये है कि ऐसा मानने वालों में आरएसएस के विचारक और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पार्ट टाइम डायरेक्टर एस गुरुमूर्ति भी शामिल हैं. अपने एक ट्वीट में गुरुमूर्ति लिखते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के जजों को देखना चाहिए कि केरल में जो हो रहा है उसका सबरीमाला से कोई सबंध है या नहीं. अगर इसकी रत्ती भर भी संभावना है तो लोगों को अयप्पन के खिलाफ फैसला दिया जाना पसंद नहीं आएगा.






इस ट्वीट पर आया था गुरुमूर्ति का ट्वीट
उन्होंने ये ट्वीट हरि प्रभाकरण नाम के एक यूज़र के ट्वीट को कोट करते हुए किया था. इस ट्वीट में लिखा था, "ये सबरीमाला अयप्पन मंदिर है. कोई कानून भगवान से ऊपर नहीं है. अगर आप हर किसी को अंदर आने की अनुमति देंगे तो वो हर किसी को अंदर आने से मना कर देंगे."






यशवंत देशमुख ने की गुरुमूर्ति की आलोचना
ऐसे ट्वीट के समर्थन के लिए गुरुमूर्ति की ट्विटर पर जमकर आलोचना हुई. इसी की आलोचना करते हुए चुनाव विश्लेषक यशवंत देशमुख ने लिखा, "ये क्या बकवास है?? मुझे गुरुमूर्ति जैसे व्यक्ति से ऐसी बकवास की उम्मीद नहीं थी. माफ कीजिएगा लेकिन ये नाकाबिले बर्दाश्त है. बिल्कुल गलत."





आम यूज़र्स ने भी की आलोचना
वहीं इसी की आलोचना करते हुए एक और ट्वीटर यूज़र ने लिखा, "सबरीमाला मंदिर को लेकर इस तरह की बातें मूर्खतापूर्ण हैं. अयप्पा का सच्चा भक्त कभी इस तरह की बात नहीं करेगा. गुरुमूर्ति सर का इस विषय पर ऐसा हास्यास्पद ट्वीट देखकर चकित हूं."





यशवंत ने गुरुमूर्ति को दिया जवाब
गुरुमूर्ति से ट्विटर पर ही बातचीत करते हुए यशवंत देशमुख एक और ट्वीट में लिखते हैं, "नहीं सर; आपके लिए अपार आदर के साथ; इसकी किसी तरह की कोई संभावना ही नहीं है कि किसी कोर्ट के फैसले की वजह से भगवान अयप्पा अपने मासूम लोगों को ऐसी भयानक बाढ़ से सज़ा देंगे. अयप्पा के मंदिर में जाने वाले हर भक्त को ये बात ज़रूर पता होगी." उन्होंने ये ट्वीट गुरुमूर्ति के एक सवालिया ट्वीट के जवाब में किया था.






गुरूमूर्ति ने सफाई दी
मामले पर मिली चौतरफा आलोचना के बाद गुरूमूर्ति ने सफाई दी और कहा, "जो मैंने कहा है वो ये है: अगर मंदिर को लेकर चल रहे केस और बाढ़ के बीच लाखों में एक बार भी कनेक्शन होने का चांस है, लोग -- मैं दोबारा कह रहा हूं -- लोग अयप्पा के खिलाफ फैसले को पसंद नहीं करेंगे. ये लोगों की आस्था के बारे में है. आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मैं अयप्पा का भक्त नहीं हूं, जो सबरीमाला मंदिर जाता हो."






क्या हैं बाढ़ के कारण
आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स में बाढ़ के लिए क्लाइमेंट चेंज और जंगलों की कटाई को कारण बताया गया है. साफ है कि भगवान के नाराज होने से बाढ़ आने की बात सही नहीं है. केरल 100 सालों में सबसे भीषण बाढ़ से गुजर रहा है. लाखों लोग राहत कैंपों में शरण लिए हुए है. केरल सरकार के मुताबिक शुरुआती तौर पर 2000 करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुकसान हुआ है.


क्या है सबरीमाला का मामला
आपको ये भी बता दें कि सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल के उम्र की महिलाओं की एंट्री पर बैन है. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने बैन को गलत माना था. हालांकि, न्यायालय ने महिलाओं की मंदिर में एंट्री पर फैसला सुरक्षित रखा है.


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