नागपुर: आरएसएस के वरिष्ठ विचारक और संगठन के पहले प्रवक्ता माधव गोविंद वैद्य का शनिवार दोपहर को यहां निधन हो गया. वे 97 वर्ष के थे. उनकी परिवार ने यह जानकारी दी. उनके पोते विष्णु वैद्य ने बताया कि दोपहर 3.35 बजे एक निजी अस्पताल में उनका निधन हुआ.


विष्णु वैद्य ने बताया, ‘‘वे कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे लेकिन बाद में ठीक हो गए थे. उनका स्वास्थ्य शुक्रवार को अचानक बिगड़ गया.” माधव गोविंद वैद्य के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी शोक जताया.


पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, “श्री एम जी वैद्य जी एक प्रतिष्ठित लेखक और पत्रकार थे. उन्होंने दशकों तक आरएसएस में व्यापक रूप से योगदान दिया. उन्होंने बीजेपी को मजबूत करने के लिए भी काम किया. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना. ओम शांति.”





वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शनिवार को कहा कि एम जी वैद्य के निधन से संगठन ने एक वरिष्ठ संरक्षक खो दिया है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और महासचिव भैयाजी जोशी ने आरएसएस के ट्विटर हैंडल पर एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘माधव गोविंद उर्फ बाबूरावजी वैद्य के निधन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हम सभी स्वयंसेवकों ने हमारे वरिष्ठ संरक्षकों में से एक को खो दिया है.’’


दोनों ने वैद्य को एक ऐसा व्यक्ति बताया जिन्हें संस्कृत का काफी ज्ञान था, जो एक शानदार पत्रकार, एक शानदार लेखक थे. बयान में कहा गया, ‘‘उनका निजी, पारिवारिक और सामाजिक जीवन संघ के संस्कार का प्रतिबिंब था.’’


बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि आरएसएस के पहले राष्ट्रीय प्रवक्ता वैद्य ने संगठन को विश्व के सामने एक बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत किया. एम जी वैद्य के पुत्र एवं आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने उन्हें ‘‘हिंदुत्व का एक उन्नायक’’ बताया जिन्होंने एक सक्रिय, सार्थक और प्रेरक जीवन जीया. उन्होंने कहा, "जब वह आठ साल के थे, तब आरएसएस के स्वयंसेवक बन गए थे...वह 95 वर्ष की आयु तक संघ की शाखा में भाग लेते थे.’’


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