RSS Meeting: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की वार्षिक आम सभा बैठक का हरियाणा (Haryana) के पानीपत में आयोजन किया गया. इस दौरान सोमवार (13 मार्च) को आरएसएस ने प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि कुछ ताकतें समाज में आपसी अविश्वास और अराजकता पैदा करने की साजिश रच रही हैं, उनके मंसूबों को नाकाम करने की जरूरत है. इसमें आगे कहा गया कि विदेशी आक्रमणों और संघर्ष के काल में देश में जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ. सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व धार्मिक व्यवस्थाओं को गहरी चोट पहुंची.
आरएसएस ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर पूरे देश ने इस संघर्ष में योगदान देने वाले जननायकों, स्वतंत्रता सेनानियों और मनीषियों को याद किया. आजादी मिलने के बाद हमने अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं. आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनकर उभर रही है. भारत के सनातन मूल्यों के आधार पर होने वाले नवोत्थान को विश्व स्वीकार कर रहा है. ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की अवधारणा के आधार पर विश्व शांति, विश्व बंधुत्व और मानव कल्याण के लिए भारत अपनी भूमिका निभाने के लिए अग्रसर है.
"बाहरी ताकतों के मंसूबों को विफल करना होगा"
संकल्प में आगे कहा गया कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा इस बात को रेखांकित करना चाहती है कि जहां अनेक देश भारत की ओर सम्मान और सद्भाव रखते हैं, वहीं भारत के इस बढ़ते प्रभाव को विश्व की कुछ शक्तियां स्वीकार नहीं कर पा रही हैं. हिंदुत्व के विचार का विरोध करने वाली देश के भीतर और बाहर की अनेक शक्तियां समाज में अविश्वास, अराजकता पैदा करने के लिए नए-नए षड्यंत्र रच रही हैं. हमें इन सबके प्रति जागरूक रहते हुए उनके मंसूबों को भी विफल करना होगा.
हरियाणा में हो रहा बैठक का आयोजन
इससे पहले रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपनी वार्षिक प्रतिनिधि सभा की बैठक में समाजवादी पार्टी के दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव, समाजवादी नेता शरद यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी आदि को श्रद्धांजलि दी थी. आरएसएस की वार्षिक अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन-दिवसीय बैठक रविवार (12 मार्च) से हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा में शुरू हुई थी.
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