(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
RSS के मनमोहन वैद्य बोले- 'कई सालों तक अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को रखा शिक्षा, सम्मान और सुविधाओं से दूर'
RSS Coordination Committee Meeting: महाराष्ट्र के पुणे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की समन्वय समिति की बैठक के दौरान मनमोहन वैद्य ने मणिपुर हिंसा को चिंताजनक बताया.
Manmohan Vaidya On SC ST Community: आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने एससी और एसटी समुदाय को लेकर बड़ा बयान दिया है. साथ ही उन्होंने मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) को लेकर भी चिंता जताई. मनमोहन वैद्य शनिवार (16 सितंबर) को महाराष्ट्र के पुणे (Pune) में बोल रहे थे.
मनमोहन वैद्य ने कहा, "हमारे समाज ने कई वर्षों तक एससी और एसटी समुदाय को सम्मान, सुविधाओं और शिक्षा से वंचित रखा है. उन्हें एक साथ लाने के लिए संविधान समर्थित आरक्षण है, उन्हें यह मिलना चाहिए." न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने कहा कि अन्य आरक्षणों की मांगें राजनीतिक हैं इसलिए हमने इस पर चर्चा नहीं की.
पुणे में आरएसएस की समन्वय समिति की बैठक
महाराष्ट्र के पुणे में गुरुवार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की समन्वय समिति की तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई थी, जिसमें संघ से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस दौरान मौजूदा सामाजिक व राष्ट्रीय परिदृश्य, राष्ट्रीय सुरक्षा, शिक्षा, राष्ट्रसेवा, अर्थव्यवस्था और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई.
मणिपुर हिंसा पर क्या बोले मनमोहन वैद्य?
आरएसएस के संयुक्त महासचिव ने मणिपुर हिंसा को लेकर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "मणिपुर में स्थिति चिंताजनक है. हमारे कार्यकर्ताओं ने हमें इसके बारे में सूचित किया है, लेकिन मुख्य रूप से निर्णय सरकार को लेना है. मैतई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष है. हमारे स्वयंसेवक दोनों समुदाय के लोगों के संपर्क में हैं."
#WATCH | Pune, Maharashtra: Joint General Secretary RSS Manmohan Vaidya says, "Our society has deprived the SC & ST community of respect, facilities and education for many years. To take them together there is a Constitution-backed reservation, they should get it...Demands of… pic.twitter.com/72kYDXofQ9
— ANI (@ANI) September 16, 2023
3 मई को शुरू हुई थी मणिपुर में हिंसा
गौरतलब है कि मणिपुर में तीन मई को हिंसा शुरू हुई थी. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार पुलिस ने बताया कि हिंसा में अब तक 175 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1108 लोग घायल हुए हैं और 32 लोग लापता हैं. हिंसा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतई समुदाय की मांग के विरोध में जनजातीय एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद भड़की थी.
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