नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या के सामने पूरा विश्व नतमस्तक होता है और होना भी चाहिए लेकिन उसी अयोध्या को सालों तक दिल्ली की आज्ञा का इंतजार करना पड़ा. अब वह इंतजार भी पूरा हो गया. सही मायने में दिल्ली पर भारत का वर्चस्व जिस दिन होगा, वो दिन भारत के पुनरुद्धार का समय होगा.


दरअसल, दत्तात्रेय होसबोले दिल्ली के इंदिरा गांधी कला केंद्र में चल रहे तीन दिवसीय कार्यक्रम अयोध्या पर्व को संबोधित कर रहे थे. इस कार्यक्रम में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, महामंत्री और विश्व हिंदू परिषद के नेता चंपत राय, वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय और कार्यक्रम के आयोजक अयोध्या से सांसद लल्लू सिंह समेत कई लोग मौजूद थे.


दत्तात्रेय ने कहा कि अयोध्या सांस्कृतिक रूप से, चारित्रिक रूप से श्री राम की जन्मभूमि है, लेकिन अब तक इसे विवादित कहा जाता रहा है. एक साल पहले तक अयोध्या को विवादों में रखा गया. जब भी चर्चा होती थी विवादित शब्द पहले आता था लेकिन अब उससे भी निजात मिल गई है. उन्होंने कहा स्कंद पुराण समेत हर जगह अयोध्या की चर्चा की गई है और यह माना गया है की अयोध्या दर्शन मात्र से पुण्य मिलता है, क्योंकि वहां श्री राम का जन्म हुआ है और श्री राम इस देश के आदर्श हैं.

दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि जिस अयोध्या के सामने पूरे विश्व को नतमस्तक होना चाहिए. उसे दिल्ली की आज्ञा का इंतजार करना पड़ा लेकिन अब प्रतीक्षा समाप्त हो गई है. जिस दिन दिल्ली पर भारत का वर्चस्व होगा, वो पल भारत के पुनरुद्धार का सही समय होगा.


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दत्तात्रेय ने कहा कि राम केवल अयोध्या के राजा नहीं बल्कि भारत की आत्मा हैं. डॉ राममनोहर लोहिया जैसे समाजवादी नेता ने सालों तक चित्रकूट में रामायण मेले का आयोजन किया, सिर्फ इसलिए कि लोग राम के दर्शन को समझ सकें कि राम क्या थे, क्योंकि अयोध्या का जो संदेश है वो भारत को एक सूत्र में बांधने का है.


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