'संघ को अगर राजनीति करती होती तो संस्थापक करते पार्टी की स्थापना', बोले RSS नेता सुनील अम्बेकर
RSS Leader Sunil Ambekar Statement: सुनील अम्बेकर ने कहा कि जब संघ की स्थापना हुई थी, तो उसका मकसद इस देश की सेवा करना था. उन्होंने कहा कि RSS का उद्दश्य देश की आजादी थी.
RSS Leader Sunil Ambekar Statement: आरएसएस से जुड़े साप्ताहिक पांचजन्य की तरफ से आयोजित एक सम्मेलन में आरएसएस के नेता सुनील अम्बेकर ने कहा कि आरएसएस को राजनीति करनी होती तो उसके संस्थापक राजनीतिक पार्टी की स्थापना करते. उन्होंने कहा कि संघ अपनी देशभक्ति और देश के प्रति समर्पण के लिए जाना जाता है. आरएसएस नेता सुनील अम्बेकर ने कहा, 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी देशभक्ति के लिए जाना जाता है, जो देश के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि संघ को इसके बारे में जवाब देने की जरूरत नहीं है. देश की आम जनता उसे अच्छी तरह से जानती है.'
सुनील अम्बेकर ने कहा, 'जब संघ की स्थापना हुई थी, तो उसका मकसद इस देश की सेवा करना और देश को उन सभी आघातों से बचाना था, जो देश पर आए हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस का उद्देश्य देश की स्वतंत्रता था. उन्होंने कहा कि अगर संघ राजनीति करना चाहता है, तो डॉ. हेडगेवार जो संघ के संस्थापक थे, उन्होंने एक राजनीतिक दल की स्थापना की होती.'
अंबेकर ने किया कांग्रेस पर कटाक्ष
सुनील अंबेकर ने कहा कि एक राजनीतिक पार्टी की आवश्यकता ब्रिटिश शासन के तहत कांग्रेस पार्टी की तरफ से पूरी की जा रही थी. एक इंसान के निर्माण की आवश्यकता थी, जिसके चलते आरएसएस का गठन हुआ था. उन्होंने कहा कि आवश्यकता इस बात की थी कि इसके साथ ही मनुष्य निर्माण का कार्य शुरू हो और इसलिए संघ शुरू किया गया था. सुनील ने आपातकाल के लिए कांग्रेस पर कटाक्ष किया और कहा कि पार्टी ने संविधान को बदल दिया. उन्होंने कहा कि लोगों को पता होना चाहिए कि संविधान को पुनर्स्थापित करने वाला कौन था.
किस बात को विस्तार से समझने की जरूरत है
आरएसएस नेता सुनील अंबेकर ने कहा, 'आजादी के 75 साल हो गए हैं, यह भी देखना चाहिए कि जब देश पर आपातकाल लगाया गया था तब किसने संविधान बदला और किसने संविधान को बहाल किया था.' सुनील ने संघ के काम की सराहना करते हुए कहा कि देश को आगे ले जाने के लिए लोग संगठन से जुड़े हैं. उन्होंने कहा, 'यह देखना चाहिए कि देश में जितने भी हमले हुए, उस समय संघ कहां था और अन्य लोग कहां थे?'
उन्होंने कहा कि यह बहुत विस्तार से समझने का विषय है. सुनील ने कहा कि पूरे देश की आम जनता संघ के कामों की सराहना की है. उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने में, हर जिले में, पूरा समाज संघ से जुड़ा है और समाज के नेतृत्व में स्वयंसेवक देश को आगे बढ़ाने के कार्य में निरंतर लगे हुए हैं.
'आजादी में योगदान देने वाले अनगिनत थे'
आरएसएस नेता सुनिल अम्बेकर ने कहा कि देश की आजादी में केवल कुछ लोगों की भागीदारी के एकतरफा आख्यान की आलोचना की और कहा कि आजादी में योगदान देने वाले अनगिनत लोग हैं. उन्होंने कहा, 'हमारे देश में यह प्रचारित किया गया कि कुछ ही लोगों के कारण आजादी मिली है, लेकिन ऐसे अनगिनत लोग हैं जिन्हें हम गुमनाम कह सकते हैं. न केवल स्वयंसेवकों, बल्कि बड़े नेताओं को भी उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है.'
'आंदोलन से शुरू किया था कॉलेज जीवन'
आरएसएस मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराने के आरोप का जवाब देते हुए अम्बेकर ने कहा कि संगठन देश के संविधान और उसके प्रतीकों का पालन करता है. उन्होंने कहा, 'आजादी के बाद इस देश ने संविधान को अपनाया है. हमने भी यही किया है. हमने संविधान और संविधान के प्रतीकों को अपनाया है. संघ कार्यालय पर भी तिरंगा फहराया गया है.' अम्बेकर ने कहा, '1990 में जब श्रीनगर में तिरंगा झंडा जलाया गया था, तब जहां भी तिरंगे का अपमान होगा, हम तिरंगे के सम्मान के लिए खड़े होंगे. उन्होंने कहा कि इस नारे के साथ अपने कॉलेज जीवन में आंदोलन से किया था और पूरी यूनियन के लोग हमारे साथ थे.