RSS Contempt Notice: तमिलनाडु में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) ने रविवार (22 अक्टूबर) को राज्य के गृह विभाग और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अवमानना नोटिस भेजा है. आरएसएस ने ये नोटिस रूट मार्च निकालने की परमीशन न देने के लिए भेजा है. इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने इस मार्च को निकालने की अनुमति दे दी थी लेकिन राज्य सरकार की ओर से ऐसा नहीं किया गया.


पिछले हफ्ते अदालत ने 11 जिलों में रूट मार्च निकालने की अनुमति दे दी थी और 3 जिलों में ऐसा करने से मना कर दिया था. इन तीन जिलों में पुलिस विभाग ने अन्य घटनाओं की वजह से सुरक्षा प्रदान करने के लिए अपर्याप्त पुलिसकर्मियों का हवाला दिया था. आरएसएस की राज्य इकाई ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि राज्य भर में पुलिस ने अनुमति जारी नहीं की है. आरएसएस तमिलनाडु (दक्षिण) के अध्यक्ष ए अदलारसन ने कहा, "यह अदालत की अवमानना है."


आरएसएस ने क्या कहा?


आरएसएस ने अपने बयान में कहा कि हर साल उनके स्वयंसेवकों के लिए विजयदशमी उत्सव के दौरान अपनी वर्दी पहनकर परेड में मार्च करना प्रथा है, जो 1925 में दक्षिणपंथी संगठन की स्थापना के साथ मेल खाता है. अदलारसन ने कहा, "हाल के दिनों में, पुलिस ने अनुमति देने से इनकार करने की आदत बना ली है. जल्द ही, आरएसएस तमिलनाडु के हर जिले में जुलूस निकालेगा जो संविधान में निहित हमारा अधिकार है.”


पिछले साल अक्टूबर में इसी तरह के परिदृश्य में पुलिस की ओर से मार्च की अनुमति देने से इनकार करने के बाद आरएसएस ने अदालत का रुख किया था. हालांकि, अदालत ने आरएसएस को नवंबर में तमिलनाडु में 50 में से 44 जगहों पर मार्च आयोजित करने की अनुमति दी. इस साल भी पुलिस से रूट मार्च निकालने की अनुमति न मिलने के बाद तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के एक आरएसएस कार्यकर्ता, आर त्यागराजन ने मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ का दरवाजा खटखटाया.


आरएसएस ने जारी किया नोटिस


इसके बाद 16 अक्टूबर को, उच्च न्यायालय ने एक सामान्य आदेश पारित कर तमिलनाडु पुलिस को मार्च की अनुमति जारी करने का निर्देश दिया. त्यागराजन ने राज्य के गृह सचिव पी अमुधा, पुलिस महानिदेशक शंकर जिवाल के अलावा अन्य पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी किया कि वह जानबूझकर आदेशों की अवहेलना करने के लिए उनके खिलाफ अदालत की अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू कर सकते हैं. हालांकि अभी पुलिस की ओर से मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.


ये भी पढ़ें: 'मुसलमानों को भी दी गई सुरक्षा, केवल भारत ही ऐसा करता...' इजरायल-हमास युद्ध पर बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत