नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) दिल्ली में सितंबर में 'भविष्य का भारत' नाम से एक कार्यक्रम कर रहा है. इस कार्यक्रम में अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोगों को बुलाए जाने की भी तैयारी है. कार्यक्रम में राहुल गांधी को बुलाया जा सकता है. इसे लेकर एक सवाल के जवाब में संघ ने कहा कि किसको बुलाना किसको नहीं ये उनका अधिकार है.


राहुल को बुलने की अटकलें तेज
आपको बता दें कि सितंबर में होने वाले इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत का भाषण भी होगा. संघ का ये कार्यक्रम तीन दिनों तक चलेगा. इस कार्यक्रम में समाज के अलग-अलग वर्गों के लोगों को बुलाया जाएगा. अलग-अलग राजनीतिक दलों से भी लोगों को बुलाया जाएगा. संघ के बयान से अटकलें तेज़ हो गई हैं कि इस कार्यक्रम में राहुल गांधी को भी बुलाया जा सकता है.


RSS ने उठाया राहुल की समझ पर सवाल
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोगों को चुनकर इस कार्यक्रम में बुलाया जाएगा. राहुल द्वारा लंदन में मुस्लिम ब्रदरहुड से की गई आरएसएस की तुलना पर अरुण ने कहा कि सारी दुनिया मुस्लिम आतंकवाद और मुस्लिम ब्रदरहुड से किस तरह पीड़ित है, अगर राहुल को इसकी समझ होती तो वो ऐसी तुलना नहीं करते.


उन्होंने आगे कहा कि राहुल ने कहा है कि अभी वो भारत को समझ रहे हैं. अगर वो समझ गए होते तो ऐसा नहीं बोलते. अगर उन्होंने भारत को नहीं समझा है तो आरएसएस को नहीं समझ पाएंगे.


1984 दंगों पर दिलाई राजीव गांधी के बायन की याद
1984 के सिख दंगों को लेकर राहुल ने जो कांग्रेस का बचाव किया है उस पर अरुण का कहना है कि राजीव गांधी ने तब जो पेड़ गिरने वाला बयान दिया था, उसके बाद कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है. हालांकि, उन्होंने इसके बाद कहा कि राजनीतिक दल वोट के लिए बहुत कुछ करते हैं. इन बातों पर टिप्पणी करने की ज़रूरत नहीं है.


वहीं, केरल बाढ़ पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान संघ के कार्यकर्ताओं ने जो काम किया है, कोई उसे कोई झुठला नहीं सकता है. काम करने वालों पर लोग सवाल खड़े करते हैं. संघ दिखाने के लिए काम नहीं करता है.


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