पर्यावरण को बचाने के लिए RSS की तैयारी, अलग से बनाया विभाग
RSS: पर्यावरण से जुड़े संघ के अनुषांगिक संगठनों के साथ-साथ भारत सरकार के संबंधित मंत्रालय भी इसमें सहभागिता कर रहे हैं.
RSS On Environment: पर्यावरण की समस्या को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर्यावरण बचाने को लेकर आगे आया है. संघ की गंभीरता को इससे भी समझा जा सकता है कि इसके लिए आरएसएस ने अलग से एक विभाग बना दिया है और अखिल भारतीय स्तर पर संघ के वरिष्ठ प्रचारक गोपाल आर्य इसके प्रभारी बनाए गए हैं. गोपाल आर्य (Gopal Arya) के नेतृत्व में संघ की योजना है कि पर्यावरण (Environment) जैसे विषय की गंभीरता को पूरे विश्व के सामने रखा जाए और एक ऐसी व्यवस्था तैयार की जाए. जिससे पूरी दुनिया का भला किया जा सके.
संघ ने इस पूरे अभियान का नाम 'सुमंगलम' रखा है. पर्यावरण से जुड़े संघ के अनुषांगिक संगठनों के साथ-साथ भारत सरकार के संबंधित मंत्रालय भी इसमें सहभागिता कर रहे हैं. मोदी सरकार के 5 केंद्रीय मंत्री इस अभियान से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ेंगे.
क्या है संघ की योजना?
संघ और सरकार के तालमेल से चलाये जाने वाले इस अभियान से किसान और आम आदमी को जोड़ने पर जोर रहेगा इसलिए स्वयंसेवकों के साथ-साथ किसान, छात्रों को भी इस अभियान के मद्देनजर ट्रेंड किया जाएगा. इसके साथ ही इस अभियान के तहत पर्यावरण के संरक्षण के लिए भारतीय दृष्टिकोण पर जोर रहेगा, लेकिन इसके साथ ही दूसरी तकनीक पर भी चर्चा होगी.
सुमंगलम अभियान के तहत आरएसस (RSS) ने पंच तत्वों पर एक-एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही क्षेत्रीय स्तरों पर पूरे देश में भी सेमिनार आजोयित किये जायेंगे और फिर इन सभी सेमिनार के जो भी निष्कर्ष और अनुभव आयेंगे उन सभी के साथ सभी को मिलाकर एक बड़ा सेमिनार दिल्ली (Delhi) में मई 2023 में विशेषज्ञों के साथ किया जाएगा. इस पूरे अभियान में दीनदयाल शोध संस्थान को जल तत्व पर चर्चा की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसी तरह से दूसरे सहयोगी संगठन बाकी तत्वों पर काम करने की योजना बना रहे हैं.
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