नागपुर: पीएम मोदी ने अपने सांसदों, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों से कहा था कि वो दलितों के घर जाकर सीधे उनसे जुड़ने की कोशिश करें. प्रधानमंत्री मोदी की मंशा थी कि इससे समाज में अच्छा संदेश जाएगा. पीएम मोदी की सोच के इतर यूपी में बीजेपी मंत्रियों ने दलितों के घर खाना खाया और तमाम विवादों को जन्म दे दिया.


विवाद शुरू होने के बाद आरएसएस ने बीजेपी के दलितों के घर खाना खाने के कार्यक्रम को दिखावा बताया है. आरएसएस नेबीजेपी को सलाह दी है कि इस तरह के दिखावे से बचना चाहिए. आरएसएस के मनमोहन वैद्य ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए बीजेपी के इस कार्यक्रम पर नाराजगी जताई है.


आरएसएस की ओर कहा गया है कि जिस तरह से दलितों के घर खाना खाने का ओश किया जा रहा है वो गलत है. बीजेपी भले ही ये सामाजिक रणनीति के तहत ये कर रही हो लेकिन ये गलत है. आरएसएस के स्वयंसेवक लंबे समय से इस तरह के कार्यक्रम चलाते रहे हैं. इसके लिए मीडिया को बुलाकर शो नहीं करना चाहिए. दलित समाज तक पहुंचने की कोशिश स्वाभाविक रूप से होनी चाहिए.


आरएसएस ने क्यों कहा दिखावा?
उत्तर प्रदेश में सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दलित के घर खाना खाया. इसके बाद सभी मंत्रियों का सिलसिला शुरू हो गया. डिप्टी सीएम केशव मौर्य जब दलित के घर खाना खाने पहुंचे तो वहां चौपाल में अधिकारियों ने एसी लगा दिया. इसके बाद डिप्टी सीएम भड़क गए.


झांसी में दलित के घर खाना खाने पहुंचे मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने दलित परिवार को शबरी की संज्ञा दे डाली. उन्होंने कहा कि भगवान ने शबरी के झूठे बेर खाकर उसे धन्य किया था. ऐसे पीएम मोदी को बदनाम किया जा रहा है जिन्होंने मंत्रियों, विधायकों और सांसदों को दलितों के घर भोजन करने के लिए भेजा.


अलीगढ़ की तहसील खैर इलाके के गांव लोहा गाड़ी में राज्य मंत्री सुरेश राणा का दलित के घर रात्रि प्रवास था. मंत्री जी के रात के भोजन में बेहतरीन सलाद, दाल मखनी, छोले-चावल, पालक पनीर, उड़द की दाल, मिक्स वेज रायता, तंदूर, मिठाई में गुलाब जामुन, कॉफी और मिनरल वाटर मौजूद है. इतना ही नहीं विश्राम के लिए डबल बेड गद्दा और चारों तरफ से पानी के कूलर भी लगाए गए थे.


चिकित्सा शिक्षा मंत्री गोपाल टंडन ने दलित के घर पेट भर खाया, रात वहीं रुके. सवेरे हैंडपंप पर नहाते हुए फोटो खिंचवाई और फिर इसे ट्वीट भी कर दिया.


कासगंज में बीजेपी के सांसद राजवीर सिंह भी दलितों के घर गए. एमपी साहेब के साथ कुछ एमएलए भी थे. दलित के यहां भोजन के बाद चारपाई पर लेट कर तस्वीरें खिंचवाई और फिर चलते बने. दलित के घर भोजन और चौपाल की ऐसी कई कहानियां है.


केंद्रीय मंत्री उमा भारती से जब पूछा गया कि क्या आप दलितों के घर खाना खाने जाएंगी तो उन्होंने कहा कि जब दलित हमारे घर आ कर साथ बैठ कर भोजन करेंगे तब हम पवित्र हो पाएंगे. मैं खुद उन्हें खाना परोस कर खिलाऊंगी.