(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
गुजरात में RSS का तीन दिवसीय सम्मेलन, राम मंदिर समेत इन खास मुद्दों पर होगी चर्चा, संघ नेताओं से मिले सीएम पटेल
RSS Conference: गुजरात के भुज में RSS की 3 दिवसीय 'अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल' की बैठक आयोजित की है. बैठक का नेतृत्व संघ प्रमुख मोहन भागवत, महासचिव दत्तात्रेय होसबले व शीर्ष पदाधिकारी कर रहे हैं.
RSS Conference in Gujarat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ओर से तीन दिवसीय 'अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल' की बैठक का आयोजन किया गया है. गुजरात के भुज में रविवार (5 नवंबर) से आरंभ हुई इस बैठक में भाग लेने के लिए आरएसएस के करीब 382 प्रतिनिधि पहुंचे. संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) और महासचिव दत्तात्रेय होसबले सहित आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारी इस सम्मेलन का नेतृत्व कर रहे हैं.
संघ की बैठक न केवल संगठनात्मक कार्यों का पुनर्मूल्यांकन करेगी, बल्कि पुणे में अखिल भारतीय समन्वय बैठक के विषयों पर भी विचार करेगी. साथ ही आरएसएस प्रमुख भागवत की ओर से अपने विजयादशमी भाषण के दौरान उल्लिखित मुद्दों पर भी चर्चा की करेगी.
आरएसएस नेता आंबेकर ने 2024 में 'संघ शिक्षा' वर्ग के लिए एक नए पाठ्यक्रम का भी संकेत दिया है, जो रणनीतिक शैक्षिक विकास की तरफ चिह्नित सत्र का संकेत देता है.
बीएमएस व बीकेएस सहयोगी संगठन भी सम्मेलन का हिस्सा
आरएसएस और भारतीय मजदूर संघ तथा भारतीय किसान संघ जैसे सहयोगी संगठनों के प्रमुख नेता भी 3 दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन का हिस्सा हैं.
गुजरात सीएम भूपेन्द्र पटेल ने भी की आरएसएस नेताओं से मुलाकात
सत्र की शुरुआत से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने आरएसएस नेताओं से भी मुलाकात की. राम मंदिर का उद्घाटन, पर्यावरण का क्षरण, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, गोरक्षा और ग्रामीण उन्नति ऐसे कुछ मुद्दे हैं जिन पर सम्मेलन के दौरान चर्चा की जाएगी.
राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी को किया गया है आमंत्रित
बता दें इस बैठक में आरएसएस की रचना के अनुसार गठित कुल 45 प्रांतों से प्रांत संघचालक, कार्यवाह, प्रांत प्रचारक, उनके सहसंघचालक, सहकार्यवाह और सह प्रांत प्रचारक भाग लेंगे. अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को हो रहे श्रीराम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह और उससे जुड़े देश भर में प्रस्तावित कार्यक्रम आदि विषयों पर बैठक में चर्चा की जाएगी.
आरएसएस की इस महत्वपूर्ण बैठक की घोषणा से एक दिन पहले ही श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया था.
यह भी पढ़ें: 98 साल का हुआ RSS: कैसे काम करता है संघ, सरसंघचालक से शाखा प्रमुख तक के बारे में जानिए सब कुछ