RSS Vs CPM: केरल की खूनी राजनीति खत्म होती नहीं दिख रही है. एक बार फिर केरल की खूबसूरती पर लाल धब्बे लग चुके हैं. केरल के पलक्कड़ में सोमवार सुबह आरएसएस के 27 साल के कार्यकर्ता संजीत की हत्या कर दी गई. संजीत की उनकी पत्नी के सामने ही चाकुओं से गोद-गोदकर हत्या कर दी गई. शरीर पर 50 से ज्यादा घाव मिले हैं. घटना तब हुई जब संजीत अपनी पत्नी को उसके दफ्तर छोड़ने जा रहा था. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया.


इस हत्या का आरोप एसडीपीआई और पीएफआई पर है. पुलिस के मुताबिक संजीत जब पत्नी को दफ्तर छोड़ने जा रहे थे तब कार में सवार आरोपियों ने उनकी बाइक को टक्कर मारी जिसके बाद वे गिर गए और कार से उतरकर 50 से ज्यादा बार चाकू और नुकीले हथियारों से हत्या कर दी. मौके पर पहुंचे बीजेपी और आरएसएस नेताओं ने इसे प्री प्लांड मर्डर करार दिया है.


केरल में सीपीएम-आरएसएस के बीच राजनीतिक हिंसा या ये कहें कि "खूनी राजनीति" पिछले तीन दशकों से मानों यहां आम हो गई है. साल 2000 से 2016 के बीच केवल कन्नूर में 69 राजनीतिक हत्याएं यहां दर्ज़ हुई हैं, जो कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का गढ़ है. जितनी हत्याएं सीपीएम कार्यकर्ताओं की हुई उतनी ही आरएसएस वर्कर्स की भी हुई.  हर हत्या के बाद उस पार्टी द्वारा हड़ताल बुलाई जाती है. ये हड़तालें ट्रेंड सी हो गई हैं. हड़तालें हुईं, वार-पलटवार भी हुआ, लेकिन जो नहीं बदला तो वो है यहां की खूनी राजनीति. विचारधारा और वर्चस्व की ये लड़ाई ऐसी कि कोई नहीं जानता कि आखिर लेफ्ट-राइट की ये खूनी राजनीति पर कब फुल स्टॉप लगेगा. 


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