RTI कार्यकर्ता ने मुंबई में विधायकों को 300 फ्लैट देने का निर्णय रद्द करने की उठाई मांग, सीएम उद्धव को लिखी चिट्ठी
आरटीआई एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सीएम उद्धव ठाकरे को इस मामले में चिट्ठी लिखी है. उन्होंने सरकार के इस फैसले को गलत बताया है.
मुंबई में सर्वदलीय विधायकों को 300 फ्लैट देने का लिया हुआ निर्णय गलत है और उसे रद्द करने की जरूरत है. वर्तमान में मौजूद प्रक्रिया के जरिए फ्लैट का आवंटन किया जाना चाहिए. यह मांग आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सीएम उद्धव बालासाहेब ठाकरे को भेजी हुई चिट्ठी मे की है. अनिल गलगली ने चिट्ठी में लिखा है कि आज महाराष्ट्र राज्य में कार्यरत सर्वदलीय विधायकों को हर महीने में अच्छी खासी रकम दी जाती है. अवधि खत्म होते ही विभिन्न लाभ देते हुए एक बड़ी रकम पेंशन के तौर पर जारी होती है.
इसके अलावा अन्य सुविधाएं भी वर्तमान और भूतपूर्व विधायक प्राप्त करते हैं. यह ग्राउंड रियालिटी होते हुए सर्वदलीय विधायकों को मुंबई में 300 फ्लैट देने का निर्णय गलत होने की बात गलगली ने कही हैं. उनके मुताबिक वर्तमान में म्हाडा हो या अन्य सरकारी योजना, सभी में विभिन्न कैटेगरी के लिए कोटा निश्चित किया गया है, जिसमें वर्तमान और भूतपूर्व विधायकों व सांसदों को फ्लैट देने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने इस बारे में विस्तार से चिट्ठी में लिखा है.
गलगली ने कहा कि अधिकांश जनप्रतिनिधि अमीर हैं और यही वजह है कि कोकण मंडल द्वारा आयोजित 25 अगस्त 2018 की लॉटरी में सिर्फ 2 विधायकों ने रुचि दिखाई, जबकि 173 फ्लैट उपलब्ध कराए गए थे. इसकी याद दिलाते हुए गलगली ने कहा कि इससे यह फ्लैट रिक्त रहते हैं और कुछ समय के बाद उसकी अवस्था दयनीय हो जाती है. इसलिए सरकार का यह निर्णय गलत हैं और अधूरी जानकारी के आधार पर है.
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