Rubaiya Sayeed Kidnapping Case : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद (Mufti Mohammad Sayeed) की बेटी रुबैया सईद (Rubaiya Sayeed) को जम्मू के टाडा कोर्ट ने तलब किया था. उन्हें इस दौरान पूछताछ के लिए पेश होना था लेकिन, वह कोर्ट में पेश नहीं हुईं. इसे देखते हुए कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. वहीं, इस मामले में अब अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी.  


सीबीआई वकील, मोनिका कोहली ने बताया कि कोर्ट के तलब करने के बाद भी रुबैया सईद पूछताछ के लिए नहीं पहुंची. इससे पहले 15 जुलाई को सईद का बयान कोर्ट में दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक की पहचान की थी. सईद ने इस मामले में अब तक यासीन को मिलाकर चार आरोपियों की पहचान कर ली है. 


8 दिसंबर 1989 को हुए अपहरण मामले में सीबीआई की ओर से अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में रबैया सईद ल‍िस्‍टेड हैं. सीबीआई ने 1990 में ही इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी. पिछली बार सीबीआई की टीम ने बताया था कि रुबैया सईद तस्वीरें देखकर आरोपियों की पहचान कर पा रही हैं लेकिन, इस बार वह कोर्ट में पेश नहीं हुईं. 


क्या है पूरा मामला 


33 साल पहले यानी 8 दिसंबर 1989 के समय पर जब तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद लाल देद मेमोरियल अस्पताल में बतौर मेडिकल इन्टर्न काम कर रही थी. उस दौरान जब वह बस से घर की तरफ लौट रही थीं, तो चार लोगों ने उनका अपहरण कर लिया. अपहरणकर्ताओं ने रूबिया को छोड़ने के बदले पांच आतंकवादियों को जेल से रिहा करने की मांग की थी.


अपहरणकर्ताओं की बात केंद्र सरकार को माननी पड़ी थी और रूबिया को सुरक्षित वापस लाने के लिए आतंकवादियों को रिहा कर दिया गया था. इस मामले को लेकर रूबिया ने पिछली सुनवाई के दौरान यासीन मलिक (Yasin Malik)और तीन अन्य आरोपियों की पहचान कर ली थी, जिनमें से यासीन पर पहले से ही कई आपराधिक मामलों को लेकर केस दर्ज है. साथ ही वह तंकवादियों को फंडिंग के अपराध में भी उम्रकैद की सजा काट रहा है. 


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