नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के एम्स अस्पताल का एक नया मामला सामने आया है. यह मामला किसी मरीज़ से जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि एम्स में पढ़ाई कर रहे एमबीबीएस के छात्रों से जुड़ा है. आपको बता दें कि दशहरे के अवसर पर मेडिकल के छात्रों ने एक कार्यक्रम आयोजित किया. इस कार्यक्रम में एक नाटक प्रस्तुत की गई जिसमें कई छात्रों ने हिस्सा लिया. यह कार्यक्रम रामलीला यानी 'रामायण का मंचन' पर था जिसकक नाटक के रूप में पेश किया गया. यह नाटक विवादों में किस लिए आया यह भी आपको बताते चलें. दरअसल जैसे ही इसका वीडियो सोशल मीडिया पर आया यह तुरंत ही वायरल हो गया.
रामायण के मंचन में भगवान राम और सीता मैया के बारे में अभद्र भाषा का प्रयोग किया और रामलीला को बेहद मजाकिया और आज संवेदनशील तरीके से पेश किया गया, जो कि किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है. इस नाटक को लेकर जब एम्स स्टूडेंट यूनियन से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस बारे में कोई बात करने से मना कर दिया. हालांकि इस बात से बिल्कुल इंकार नहीं किया कि यह वीडियो एम्स मेडिकल छात्रों का नहीं है.
इस बारे में दिल्ली एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन से भी संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने भी इस बारे में कोई भी टिप्पणी करने से साफ इनकार किया. हालांकि उन्होंने इस बात की जानकारी जरूर दी कि छात्रों ने अपनी इस हरकत पर सब से माफी मांगी है और यह भी बताया कि वीडियो जारी करके भी छात्रों की तरफ से माफी मांगी गई.
ट्विटर पर एम्स के उसी छात्र की वीडियो माफीनामा है जो कि उस नाटक में दिखाई दे रहा है जिसकी जानकारी डॉक्टर अमरिंदर सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट की. जिसमे उन्होंने लिखा 'नितिन सिंघल जो इस रामलीला के वायरल विडियो में दिखाई दिए, उन्होंने माफी मांगते हुए कहा उन्हें इस बात का दुख है कि वह इस शर्मनाक घटना के हिस्सेदार रहे'.
हालांकि सोशल मीडिया पर कोई वीडियो वायरल हो और उस पर सियासत ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता. जैसे ही यह वीडियो वायरल होने शुरू हुए तुरंत इस पर बीजेपी और कांग्रेस की प्रतिक्रियाए भी आनी शुरू हो गई. बीजेपी के हरीश खुराना ने इसको निंदनीय बताते हुए पुलिस कार्यवाही की मांग की है.
हरीश खुराना ने कहा, "जो भी ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस दिल्ली में हुआ यानी कि हिंदू देवी देवताओं का अपमान हुआ है उसकी बीजेपी कड़े शब्दों में निंदा करती है. जिस शख्स का नाम आ रहा है उसका नाम आफताब है और यह सब उसने करवाया है. मैं दिल्ली पुलिस से निवेदन करता हूं कि इसका संज्ञान करते हुए इस पर तुरंत एक्शन लिया जाए और इसके पीछे जो व्यक्ति है उनको तुरंत से तुरंत गिरफ्तार किया जाए."
बीजेपी के साथ ही कांग्रेस ने भी इस पर तुरंत ही एवं प्रशासन को कार्रवाई करके संज्ञान लेने की बात कही और इस घटना को बहुत निंदनीय ठहराया. दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष अभिषेक दत्त ने कहा, ''एम्स दिल्ली के छात्र डॉक्टरो ने हमारे भगवान राम, सीता मैया और लक्ष्मण जी के लिए बहुत ही अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया हैं और बहुत ही गलत तरीके से उसको दर्शा रहे है. यह बहुत ही निंदनीय है और इसके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई एम्स प्रशासन को करनी चाहिए और इन बच्चों को सामने आकर जरूर माफ़ी मांगनी चाहिए."
हालांकि इस वायरल वीडियो पर एम्स प्रशासन पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं. ना तो इस बारे में एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने कोई बात की और ना ही स्टूडेंट यूनियन की तरफ से इस पर अभी तक कुछ भी कहा गया है. लेकिन सोशल मीडिया पर लगातार इस मामले पर आ रही वीडियो वायरल हो रही है और सियासी प्रतिक्रियाएं भी तेजी से आ रही है.
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