जेडीयू में बवाल, अब इस नेता ने किया सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल का विरोध
जदयू के नेशनल एग्जीक्यूटिव के सदस्य और रिटायर्ड आईपीएस एन के सिंह ने सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल पर पार्टी के स्टैंड का विरोध किया है.
पटना: प्रशांत किशोर के बाद जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के एक और सीनियर नेता ने किया सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल का विरोध किया है. जदयू के नेशनल एग्जीक्यूटिव के सदस्य और रिटायर्ड आईपीएस एन के सिंह ने कहा,''कल आजादी के बाद काला दिन था''.
जदयू के नेशनल एग्जीक्यूटिव के सदस्य और रिटायर्ड आईपीएस एन के सिंह ने सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल पर पार्टी के स्टैंड का विरोध किया है. उन्होंने लिखा, "कल आजादी के बाद का काला दिन था. कल के दिन गांधी, नेहरू और पटेल के धर्मनिरपेक्ष बहुलतावादी, लोकतांत्रिक भारत को पीछे छोड़ते हुए गोलवलकर, सावरकर और आरएसएस के एक हिन्दू राष्ट्र की ओर पहला कदम बढ़ा दिया गया है".
पवन वर्मा ने भी किया विरोध-
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने नीतीश कुमार से नागरिकता संशोधन विधेयक पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है. पवन वर्मा ने ट्वीट कर कहा, '' मैं नीतीश कुमार से गुजारिश करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने के फैसले पर पुनर्विचार करें. यह विधेयक असंवैधानिक है. भेदभाव करने वाला है और देश की एकता और सद्भाव को तोड़ने वाला है. इसके अलावा जेडीयू के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ है. गांधी जी अगर होते तो वे इस विधेयक से बिल्कुल भी सहमत नहीं होते''.
प्रशांत किशोर ने ये कहा-
प्रशांत किशोर ने ट्वीट में लिखा, “जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने से निराश हुआ. यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है. पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है.”
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