Ruckus In Rajya Sabha: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में पिछले दिनों जोरदार हंगामा देखने को मिला था. उच्च सदन में 11 अगस्त को हुए हंगामे के दौरान पुरूष मार्शल पर धक्का-मुक्की का आरोप लगाने वाली कांग्रेस की राज्यसभा सांसद छाया वर्मा और फुलो देवी नेतम बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए भावुक होकर रो पड़ीं. उन्हें पुरूष मार्शलों पर धक्का देकर गिराने का आरोप लगाया.


गौरतलब है कि इससे पहले, ग्यारह अगस्त की शाम करीब छह बजे संविधान 127वां संशोधन विधेयक 2021 पारित होते ही राज्यसभा में हड़कंप मच गया था. कुछ ही मिनटों में सदन के अंदर विपक्षी सांसदों के भारी विरोध के चलते माहौल गर्म हो गया. जनरल इंश्योरेंस बिजनेस (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक की कॉपी फाड़ दी गई और इसके बाद  बड़ी संख्या में मार्शलों को बुलाया गया. महिला सांसदों ने उन पर हाथापाई का आरोप लगाया. 


केन्द्र सरकार राज्यसभा में इंश्योरेंस बिल लेकर आई थी, जबकि विपक्षी दल इसे चयन समिति के पास भेजने की मांग कर रहे थे. जैसे ही यह बिल सदन में रखा गया सांसदों ने विरोध करना शुरू किया और बिल की कॉपी फाड़ दी. उसके बाद पेपर सस्मित पात्रा के ऊपर फेंक दिया गया, उस वक्त वहीं सदन की अध्यक्षता कर रहे थे.






इसके बाद मार्शल को बुलाया गया ताकि विरोध कर रहे सदस्यो को रोका जा सके. इस दौरान कई महिला सांसदों ने आरोप लगाया कि पुरूष मार्शलों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की. कांग्रेस सांसद छाया वर्मा और फुले देवी नेतम ने यह दावा किया था मार्शलों ने उन्हें धक्का दिया. नेतम ने कहा- "वे बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए और जब हम विरोध कर रहे थे उन्होंने धक्का दिया, जिसकी वजह से हम गिर गए."


गौरतलब है कि राज्यसभा में भारी हंगामे को लेकर सात मंत्रियों ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मिलकर कार्रवाई की मांग की थी. सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने नायडू से मुलाकात की और विपक्षी सदस्यों के कृत्यों को ‘‘अभूतपूर्व और हिंसक’’ बताया. मंत्रियों ने इस संबंध में सभापति को एक ज्ञापन सौंपा. नायडू के साथ बैठक में प्रतिनिधिमंडल ने सदन में मार्शलों को उनका काम करने से रोके जाने का भी जिक्र किया.


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