पेगासस खुलासे पर राज्यसभा में भारी हंगामा, बयान देते वक्त IT मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से टीएमसी सांसद ने पेपर फाड़ा
जिस वक्त सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव राज्यसभा में अपना बयान पढ़ रहे थे उसी दौरान तृणमूल कांग्रेस सांसद शांतनु सेन ने उनके हाथ से पेपर लेकर फाड़ दिया
राज्यसभा में पेगासस खुलासे पर गुरुवार को एक बार फिर से जोरदार हंगामा देखने को मिला और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई. इसके बाद मार्शल को बीच-बचाव के लिए आना पड़ा. जिस वक्त सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव राज्यसभा में अपना बयान पढ़ रहे थे उसी दौरान तृणमूल कांग्रेस सांसद शांतनु सेन ने उनके हाथ से पेपर लेकर फाड़ दिया.
इधर, टीएमसी सांसद के अस व्यवहार की बीजेपी के नेताओं की कड़ी निंदा की है. बीजेपी के राज्यसभा सदस्य स्वप्न दासगुप्ता ने कहा कि ऐसा लगता है कि विपक्ष के कुछ लोग खासकर टीएमसी के सांसद खड़े हुए और जिस वक्त आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव पेगासस के मुद्दे पर बोल रहे थे तो उन्होंने पेपर लेकर फाड़ दिया. यह पूरी तरह से अनुचित व्यवहार है.
It seems that some people of Opposition, notably some of the TMC MPs, got up & took the paper from the hands of the Minister (IT Minister Ashwini Vaishnaw while he was speaking on 'Pegasus') & tore it up. This is completely unseemly behaviour: Swapan Dasgupta, BJP Rajya Sabha MP pic.twitter.com/th4T0hmL5X
— ANI (@ANI) July 22, 2021
तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान कुछ कागज फाड़ डाले और उसके टुकड़ों को हवा में लहरा दिया. यह घटना उस वक्त हुई जब सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों और इस मामले में विपक्ष के आरोपों पर सदन में बयान दे रहे थे.
दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, उपसभापति हरिवंश ने बयान देने के लिए वैष्णव का नाम पुकारा. इसी समय, तृणमूल कांग्रेस और कुछ विपक्षी दल के सदस्य आसन के समीप आ गए. उन्होंने नारेबाजी आरंभ कर दी और संभवत: मंत्री के बयान की प्रति फाड़ कर उसके टुकड़े हवा में लहरा दिए.
केंद्रीय मंत्री वैष्णव हंगामे और शोरगुल के कारण अपना बयान पूरा नहीं पढ़ सके. लिहाजा उन्होंने इसे सदन के पटल पर रख दिया. उपसभापति हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से असंसदीय व्यवहार ना करने का अनुरोध किया लेकिन जब उनकी एक ना सुनी गई तो उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.
इससे पहले भी विपक्षी दलों ने विभिन्न मुद्दों पर सदन में हंगामा किया था. इसके चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी. हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों ने पेगासस जासूसी विवाद सहित कुछ अन्य मुद्दों पर सदन में नारेबाजी की.
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