नई दिल्ली : चीन की हरकतें दिन पर दिन बेकाबू हो रही हैं. सिक्किम की सीमा पर भारतीय सैनिकों से उलझने के बाद अब चीन ने हिंद महासागर में अपने युद्धपोतों की गतिविधियां बढ़ा दी हैं. ऐसे में भारत भी अलर्ट पर है और इसमें मदद कर रही है 'रुक्मणी'. जी हां ! रुक्मणी की वजह से ही भारतीय नौसेना सीधेतौर पर चीनी गितिविधियों पर नजरे गड़ाए हुए है.


यह एक मल्टीबैंड कम्यूनिकेशन सेटेलाइट है


दरअसल, 'रुक्मणी' देश की पहली मिलिट्री सैटेलाइट है. यह एक मल्टीबैंड कम्यूनिकेशन सेटेलाइट है. जो, भारतीय नौसेना को दो हजार न्यूटिकल माइल्स में होने वाली गतिविधियों की 'लाइव' जानकारी उपलब्ध कराती है. भारतीय नौसेना के युद्धपोतों को 'रीयल टाइम डेटा' इससे प्राप्त होता रहता है. यही नहीं, भारतीय थल सेना को भी सीमा पर होने वाली गतिविधियों की जानकारी इससे होती है.


 'रुक्मणी' अरब सागर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक पर नजर रखती है


वजन में दो हजार 625 किलो की 'रुक्मणी' अरब सागर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक पर नजर रखती है. इसके साथ ही हिंद महासागर के 70 प्रतिशत हिस्से पर इसकी सीधी नजर है. 'ओवर द सी यूज' औऱ 'ओवर द लैंड यूज' बैंजविथ के साथ अलग-अलग सैन्य यूनिट इसका इस्तेमाल करती हैं. इसी के जरिए पता चला है कि हिंद महासागर में चीन के 13 युद्धपोत नजर आए हैं.