नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि भारत में लड़कियों से शादी करके विदेश भाग जाने वाले भगोड़े दूल्हों की भारत में मौजूद संपत्ति को जब्त करने संबंधी कानून संसद के अगले सत्र में लाया जाएगा. उन्होंने महाराष्ट्र महिला आयोग की ओर से आयोजित 'एनआरआई मैरिजेस एंड ट्रैफकिंग ऑफ वूमेन एंड चिल्ड्रन: इश्यूज एंड वे फॉरवर्ड' नामक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि इस कानून की कड़ी में ही एक और सहायक कानून भी लाया जा रहा है. इसके तहत यह व्यवस्था की जाएगी कि विदेश में रहने वाले भारतीय जो यहां शादी करके भाग गए हैं, उन्हें अगर समन और वारंट देना हो तो उनके पीछे जाने की वजह एक समर्पित वेबसाइट पर उस नोटिस-वारंट को प्रकाशित किया जाएगा.


सुषमा ने कहा कि यहां पर प्रकाशित वारंट-नोटिस को यह मान्यता होगी कि उसे संबंधित व्यक्ति द्वारा पढ़ा हुआ और प्राप्त किया गया माना जाएगा. इस समय देश में ऐसी व्यवस्था है कि अगर कोई व्यक्ति समन नोटिस-वारंट नहीं लेता है तो उसके निवास क्षेत्र के किसी अखबार में विज्ञापन देकर उसे बताया जाता है कि उसके खिलाफ नोटिस-वारंट जारी है. इसे अदालत में संबंधित व्यक्ति द्वारा प्राप्त किया गया माना जाता है. उसी तर्ज पर इस वेबसाइट पर दर्ज नोटिस-वारंट को भी मान्यता होगी.


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सुषमा स्वराज ने कहा कि यह देखा गया है कि यहां से शादी करके भागने वाले दूल्हे विदेश में जाकर अपना पता, ईमेल, फोन नंबर बदल लेते हैं. उसी को ध्यान में रखकर यह वेबसाइट लॉन्च की जा रही है. इसकी तैयारी लगभग पूरी हो गई है. जल्द ही इसे लॉन्च किया जाएगा. भगोड़े दूल्हों की भारत में संपत्ति जब्त करने पर अगले सत्र में कानून लाया जाएगा. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और महिला और बाल विकास मंत्रालय मंत्री मेनका गांधी इस पर सहमत हैं.


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विदेश मंत्री ने कहा कि देश में एनआरआई दूल्हों के भागने की संख्या कितनी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल पंजाब में ऐसी 15000 महिलाएं-बच्चियां हैं जो इस समस्या से पीड़ित हैं. इसमें कुछ हद तक अभिभावक की यह सोच भी जिम्मेदार है कि बच्ची विदेश में रहेगी. खुश रहेगी. इस लालच में पहले पूरी पड़ताल दूल्हे को लेकर नहीं की जाती है. एक अन्य समस्या मानव तस्करी या अवैध एजेंट द्वारा विदेश भेजने की है. बिना पड़ताल किये ही लोग किसी भी व्यक्ति के बहकावे में आकर विदेश जाने को तैयार हो जाते हैं.