रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका की अगुवाई वाली पश्चिमी देशों के ऊपर यह आरोप लगया है कि वे मॉस्को और नई दिल्ली के बीच गहरी साझीदारी को कमजोर करने में लगी हुई है. मंगलवार को सरकारी थिंक टैंक रशियन इंटरनेशनल अफेयर्स काउंसिल को वीडियो लिंक से संबोधित करते हुए रूसी विदेश मंत्री ने मॉस्को और बीजिंग के प्रभाव को काउंटर करने के लिए पश्चिमी ताकतों पर निशाना साधा.


सर्गेई लावरोव ने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश भारत के साथ उसके करीबी रिश्तों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं.  गौरतलब है कि अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने साल 2017 में लंबे समय से लंबित पड़े क्वाड को मंजूरी दी थी, ताकि चीन की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आक्रामकता को काउंटर किया जा सके. हालांकि, अमेरिका ने कहा कि क्वाड कोई गुट नहीं बल्कि आपसी हितों और मूल्यों को साझा करने वाले ग्रुप हैं जो सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मजबूत कर रहे हैं.


रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि रूस तमाम मतभेदों के बावजूद वैश्विक संगठनों के दायरे में रहकर काम करना चाहता है. उन्होंने कहा, पश्चिमी देश एकध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था कायम करना चाहते हैं लेकिन रूस और चीन कभी भी उसके पिछलग्गू नहीं बनेंगे.


सर्गेई लावरोव ने कहा, मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल को लेकर भी भारत पर अमेरिका के दबाव का यही मकसद है. लावरोव संभवत: एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर रूस के साथ हुई भारत की 5.4 अरब डॉलर की डील का जिक्र कर रहे थे. अमेरिका इस डील का विरोध करता रहा है और प्रतिबंध लगाने की बात करता है. रूसी विदेश मंत्री ने कहा, भारत इस वक्त पश्चिमी देशों की आक्रामक, नियमित और छलपूर्ण नीति का टारगेट बन गया है क्योंकि वे इंडो-पैसेफिक या कथित क्वाड को बढ़ावा देकर चीन के खिलाफ अपने खेल में उसे शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं. दूसरी तरफ, पश्चिमी देश भारत के साथ हमारे खास और करीबी रिश्तों को भी कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं.


उन्होंने कहा कि अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने बहुध्रुवीय दुनिया की व्यवस्था को खारिज कर दिया है. पश्चिम, रूस और चीन को दरकिनार करते हुए अपनी एकध्रुवीय दुनिया में बाकियों को भी हर तरीके से घसीटने की कोशिश कर रहा है.


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