Russia and Ukraine Conflict: यूक्रेन-रूस के बीच सैन्य तनाव से सहमे दुनिया के बाजार, जानें भारतीय मार्केट का हाल
Russia and Ukraine Conflict: यूक्रेन-रूस के बीच सैन्य तनाव से दुनिया के तमाम दशों के बाजार सहमे हुए हैं. ऐसे में जानें भारतीय मार्केट का क्या हाल है.
![Russia and Ukraine Conflict: यूक्रेन-रूस के बीच सैन्य तनाव से सहमे दुनिया के बाजार, जानें भारतीय मार्केट का हाल Russia and Ukraine Conflict World markets stunned by military tension know the condition of Indian market ANN Russia and Ukraine Conflict: यूक्रेन-रूस के बीच सैन्य तनाव से सहमे दुनिया के बाजार, जानें भारतीय मार्केट का हाल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/25/498323ed3cd8b6bd6ccee964640e55c4_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Russia-Ukraine Conflict: सरहद पर रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) की सेनाएं आमने-सामने हैं. इस कारण यूरेशिया इलाके में सैनिक टकराव बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं. ऐसे में डर है कि लड़ाई छिड़ी तो केवल दो मुल्कों तक सीमित नहीं रहेगी इस बीच सभी को नए महायुद्ध का खतरा दिखाई पड़ रहा है. यूक्रेन और रूस युद्ध के मैदान में भिड़ेंगे या सुलह के उपाय इस संकट को टाल पाएंगे. इस सवाल पर इन दिनों सबकी नजरें टिकी हैं. लेकिन, इस बीच दुनिया भर के शेयर बाजारों में मंदी नज़र आ रही है. फिलहाल जंगी खतरों को बुरे शगुन के तौर पर देखी जा रही है. ऐसे में शेयर बाज़ार इस डर से सहमे दिखाई दे रहे हैं कि कोरोना महामारी की मार के बीच कहीं लड़ाई का वार न झेलना पड़ जाए.
भारत में बीएसई और निफ्टी का सेंसेक्स में बीते पांच दिनों तक गिरावट का सिलसिला जारी रहा. राहत की बात यह रही कि मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स शुरुआती गिरावट के बाद 367 प्वाइंट सुधार के साथ बंद हुआ. वहीं, निफ्टी का सूचकांक भी मंगलवार को गिरावट के साथ खुला और 16, 836.80 पॉइंट तक जाने के बाद कुछ सुधार कर 17277.95 पॉइंट पर बंद हुआ. हालांकि, असर भारतीय बाजारों पर ही नहीं है बल्कि बाजार अनिश्चितताओं का दौर दुनिया भर के बड़े शेयर बाजारों में देखा जा रहा हैं.
बता दें कि दुनिया के 45 देशों में शेयर बाजारों पर नज़र रखने वाले MSCI वर्ल्ड इक्विटी इंडेक्स 0.78 फीसद गिरावट पर था. नैस्डैक, डाउ जोन्स और एसपीएक्स भी डांवांडोल हैं और दो दिनों की गिरावट के बाद सोमवार को कुछ सुधार पर बंद हुए थे.
बाजार में गिरावट का यह दौर रूस और अमेरिका के बीच यूक्रेन को लेकर बढ़ते तनाव के साथ शुरू हुए. नाटो की तरफ से सोमवार को आए बयान ने भी बाजार की चिंता बढ़ाई जिसमें कहा गया था कि वो पूर्वी यूरोप के इलाके में अधिक युद्धपोत और लड़ाकू विमानों को तैनात कर अपने दस्तों को हाई अलर्ट पर कर रहा है. अमेरिका भी अपने राजनयिकों के परिजनों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दे चुका है.
निवेशकों को इस बात का भी डर सता रहा है कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई छिड़ी तो इसकी आंच केवल दो देशों तक सीमित नहीं रहेगी. बल्कि यूरोप पर इसका सीधा असर होगा. इतना ही नहीं इस तरह का कोई भी टकराव अमेरिका और रूस जैसी सैन्य महाशक्तियों को भी आमने-सामने ला सकता है.
महाशक्तियों के इस तनाव का असर पहले से परेशान वैश्विक अर्थव्यवस्था पर होगा. साथ ही इससे संकट के दौर से गुज़र रहे कच्चे तेल, ऊर्जा बाज़ार और वैश्विक व्यापारिक परिवहन की सेहत और खराब हो सकती है. साथ ही जानकारों के मुताबिक, अमेरिका में बढ़ी महंगाई दर के बीच ब्याज दर बढ़ाए जाने की संभावनाओं के मद्देनजर भी संस्थागत विदेशी निवेशक भारत जैसे बाज़ारों में बिकवाली का ग्राफ बढ़ा रहे हैं.
इस बात की फिक्र स्वाभाविक है कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच जंग की चिंगारी भड़की तो इसका सीधा असर भारत पर भी पड़ेगा जिसके दोनों देशों के साथ करीबी रिश्ते भी हैं और कारोबारी संबंध भी. ऐसे में भारत के लिए न केवल कूटनीतिक दबाव बढ़ेगा बल्कि उसे न चाहते हुए भी दोनों देशों के तनाव का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. क्योंकि बाजार मूड और सेंटीमेंट से संचालित होता है और अगर माहौल जंग का बना तो कारोबार का मिजाज खराब हो सकता है.
Republic Day 2022 की पूर्व संध्या पर प्रेसिडेंट मेडल फॉर पुलिस का हुआ एलान, जानें किसे क्या मिला
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)