India-China Relations: कजान में मोदी-जिनपिंग की मुलाकात में पुतिन ने निभाई भूमिका? जानें रूस ने क्या दिया जवाब
Russia On Modi-Jinping Meet: भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक को सकारात्मक घटनाक्रम बताया.
Russia On Modi-Jinping Meeting: भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक को सकारात्मक घटनाक्रम बताया है. सोमवार (28 अक्टूबर, 2024) को उन्होंने पीएम मोदी और शी जिनपिंग की बैठक में रूस की भूमिका के सावल पर भी जवाब दिया और कहा कि उनकी ओर से कोई भूमिका नहीं निभाई गई है.
अलीपोव बोले कि रूस के कजान शहर में हाल में संपन्न हुआ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन पूरी तरह सफल रहा और यह कोई विशिष्ट नहीं, बल्कि समावेशी मंच है. ब्रिक्स पश्चिम-विरोधी नहीं, बल्कि गैर-पश्चिम देशों का समूह है. यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी और जिनपिंग के बीच हुई बैठक में रूस की कोई भूमिका थी? अलीपोव का जवाब आया, ‘‘हमने इसमें कोई भूमिका नहीं निभाई पर हमें खुशी है कि यह बैठक कजान में हुई, हम इस बैठक का तहे दिल से स्वागत करते हैं.’’
23 अक्टूबर को रूस के कजान में हुई थी बैठक
मोदी और जिमपिंग ने 23 अक्टूबर को हुई बैठक में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर भारत-चीन के बीच हुए समझौते का समर्थन किया था. दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्रों को फिर शुरू करने के निर्देश जारी किए थे, जो 2020 में भीषण सैन्य झड़प से प्रभावित संबंधों को फिर से सामान्य बनाने के प्रयासों को लेकर था.
जेलेंस्की को भी दिया जवाब
रूसी राजदूत ने कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर हुई चीन-भारत वार्ता के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह वार्ता लगभग पांच वर्षों के बाद हुई और यह भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में एक सकारात्मक घटनाक्रम है.’’ अलीपोव ने प्रमुख भारतीय अखबार में प्रकाशित उस खबर का जिक्र किया, जो यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के इंटरव्यू को लेकर थी. उन्होंने कहा कि इंटरव्यू में जेलेंस्की ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को एक बड़ी ‘विफलता’ बताया था. अलीपोव ने जेलेंस्की की बात का विरोध किया और कहा कि कजान में हुआ शिखर सम्मेलन पूरी तरह से सफल था.