Russia: भारत के लगातार दबाव के बाद आखिरकार रूस ने उसकी सेना में काम कर रहे भारतीयों को जल्द निकालने का आश्वासन दिया है. इस संबंध में दिल्ली में रूसी दूतावास ने शनिवार (10 अगस्त) को कहा भारतीयों को रूसी सेना से निकालने के लिए मॉस्को लगातार काम कर रहा है. बता दें कि भारत ने रूसी सेना में भर्ती 69 भारतीय नागरिकों का मुद्दा उठाया था.


रूसी दूतावास ने जानकारी दी कि अप्रैल महीने से रक्षा मंत्रालय ने भारतीयों समेत अन्य देशों के नागरिकों को रूसी सशस्त्र बलों में भर्ती देने पर रोक लगा दी थी. वहीं एक अन्य बयान में रूसी दूतावास ने यूक्रेन के खिलाफ रूसी सेना के अभियानों में जान गंवाने वाले भारतीय लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं. लोकसभा में भी केंद्र सरकार ने भारतीय सैनिकों की वापसी की बात कही थी.


'जल्द होगी भारतीय नागरिकों की रिहाई


रूस के मुताबिक, 'दोनों देशों की एजेंसियां स्वेच्छा से रूस की सैन्य सेवाओं में अनुबंध करने वाले भारतीयों नागरिकों की पहचान में जुटी हैं और जल्द ही उनकी रिहाई संभव होगा.' अहम ये है कि रूस ने आश्वासन दिया है कि यूक्रेन (Ukraine) के साथ युद्ध में जान गंवाने वाले या घायल हुए लोगों को उचित मुआवजा भी दिया जाएगा. 


धोखाधड़ी वाली रिपोर्टों को नकारा


हालांकि रूस ने उन रिपोर्टों को सिरे से खारिज किया है जिसमें कहा जा रहा था कि भारतीय नागरिकों को गुमराह करके रूसी सेना में भर्ती कराया गया है. इस संबंध में रूस ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि धोखाधड़ी की योजनाओं में मॉस्को (Moscow) की संलिप्तता बिल्कल भी नहीं है और हम इन रिपोर्टों के खंडन करते हैं. 


दरअसल, लोकसभा में शुक्रवार (09 अगस्त) को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे को उठाया था और कहा था कि कई मामलों में ऐसे संकेत मिले हैं कि भारतीय नागरिकों को गुमराह किया गया था. रूस ने अब इसी बयान पर सफाई देते हुए कहा कि रूसी सरकार कभी भी ऐसे अभियानों में शामिल नहीं रही हैं जहां किसी को गुमराह करके सेना में भर्ती कराया गया हो. बीते महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बैठक में इस मुद्दे पर बात हुई थी.


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