Russia-Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ से हमले के आदेश के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई जगहों पर जोरदार मिसाइल से हमले किए गए. रूस की सेना गुरुवार को यूक्रेन के अंदर घुस गई और अंतरराष्ट्रीय हिदायतों के बावजूद लगातार वहां के एयरबेस और अन्य महत्वपूर्ण ठिकनों को निशाना बनाया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इस मुद्दे पर दूसरी बार आपात बैठक बुलाई गई. भारत की तरफ से यूएनएससी में शांति की अपील की गई. यूक्रेन की सीमा रक्षा एजेंसी ने कहा कि रूस की सेना ने पड़ोसी बेलारूस से देश पर हमला किया है. एजेंसी ने कहा कि रूसी सैनिकों ने बेलारूस से तोपों से गोले दागे. यूक्रेन के सैनिक भी जवाबी गोलीबारी कर रहे हैं. रूस की सेना ने कहा है कि उसने यूक्रेन के हवाई अड्डों और अन्य सैन्य संपत्तियों को निशाना बनाया है, आबादी वाले क्षेत्रों को लक्षित नहीं किया गया.


क्या होगा अमेरिका-NATO का कदम?


ऐसे में सवाल उठता है कि अब अमेरिका और नाटो का अगला कदम क्या होगा? इस बारे में एबीपी न्यूज़ के डिजिटल टीम से बात करते हुए रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा ने बताया कि इस वक्त स्थिति वाकई काफी गंभीर पैदा हो चुकी है. रूस के हमले ने विकट परिस्थिति दुनिया के सामने खड़ी कर दी है. उन्होंने कहा कि अब अमेरिका और नाटो का क्या कदम होगा ये शाम तक साफ हो पाएगा. जबकि, विदेश मामलों के जानकार कमर आगा बताते हैं कि रूस-यूक्रेन के बीच की लड़ाई में अमेरिया या फिर नाटो शायद ही कूदे.




क्या होगा इस युद्ध का अंजाम?


इस सवाल के जवाब में कमर आगा बताते हैं कि युद्ध का अंजाम दुनियाभर में पड़ेगा. इसकी वजह से पश्चिम देशों में गहरा असर होगा. उन्होंने कहा कि अभी भी ये कोशिश होगी कि रूस को किसी तरह से रोका जाए. इसके साथ ही, अमेरिका या फिर नाटो इस लड़ाई में सीधे अमेरिका के खिलाफ उतरने की बजाय वे युद्ध में परोक्ष रुप से उसकी मदद करेगा. कमर आगा का कहना है कि इस स्थिति में यूक्रेन की हालत अफगानिस्तान जैसी हो जाएगी. अमेरिका और नाटो उसे अपने ढाल के तौर पर रूस के खिलाफ इस्तेमाल करेंगे.


रूस ने बताया क्यों किया हमला


रूस ने कहा है कि पूर्वी यूक्रेन में विद्रोही नेताओं ने यूक्रेन की ‘‘आक्रामकता’’ से बचाव के लिए रूस से सैन्य सहायता मांगी है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि विद्रोही नेताओं ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पत्र लिखकर बताया है कि यूक्रेन की सेना द्वारा की गई गोलाबारी में कई नागरिकों की मौत हुई है और कई लोग पलायन करने को मजबूर हुए हैं.


 



यह कार्रवाई पुतिन द्वारा पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित विद्रोही क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने और उनके साथ मित्रता संधियों पर हस्ताक्षर करने के बाद की गई है. मंगलवार को इन्होंने पुतिन को देश के बाहर सैन्य बल का इस्तेमाल करने की अनुमति भी दे दी थी. इस बीच, व्हाइट हाउस ने कहा कि यूक्रेन की सरकार की कथित ‘‘आक्रामकता’’ के खिलाफ यूक्रेन के अलगावादियों का रूस से मदद मांगना एक झूठा अभियान है, जिसके खिलाफ पश्चिमी देशों ने लगातार चेतावनी दी है.


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