भारत को S-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति करेगा रूस, नहीं पड़ेगा प्रतिबंधों का असर: रूसी अधिकारी
रूस ने बुधवार को कहा कि भारत को एस-400 मिसाइल डिफेंस प्रणाली की आपूर्ति पर पश्चिमी देशों द्वारा उस पर लगाए गए प्रतिबंधों से कोई असर नहीं पड़ेगा.
रूस ने कहा कि भारत को एस-400 मिसाइल डिफेंस प्रणाली की आपूर्ति पर पश्चिमी देशों द्वारा उस पर लगाए गए प्रतिबंधों से कोई असर नहीं पड़ेगा. रूस के मनोनीत राजदूत डेनिस अलीपोव ने मीडिया सम्मेलन में राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार करने के लिए एक द्विपक्षीय तंत्र का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि एस-400 सौदे के संबंध में हम आश्वस्त कर दें कि इस पर किसी भी तरीके से असर नहीं पड़ेगा, यह 100 फीसदी आश्वासन है.
अलीपोव ने कहा कि जहां तक संपूर्ण व्यापार और आर्थिक सहयोग का संबंध है, तो हम देखेंगे कि जो कठोर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, उनका आखिरकार क्या असर पड़ेगा. द्विपक्षीय व्यापार पर प्रतिबंधों के असर के बारे में पूछे जाने पर अलीपोव ने कहा कि यह ‘‘भारतीय साझेदारों’’ के भागीदारी जारी रखने की तत्परता पर निर्भर करेगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या पश्चिमी प्रतिबंधों और यूक्रेन में संघर्ष का भारत को अहम रक्षा उपकरण की आपूर्ति करने पर असर पड़ेगा, इस पर राजदूत ने कहा कि प्रतिबंधों के असर को कम करने के लिए तंत्र बनाए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘रूस हमेशा राख से उठा है। यह एक बार फिर उठेगा. इसमें कोई शक नहीं है. हमने अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं. हमारी अर्थव्यवस्था स्थिर है.’’
ब्रिटेन जुटा रहा है पूरी दुनिया का समर्थन!
ब्रिटेन ने यू्क्रेन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हमलों के खिलाफ ‘‘हरसंभव रूप से व्यापक गठबंधन’’ बनाने का आह्वान किया, जिसमें भारत भी शामिल हो. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता ने बताया कि आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की जा सकती है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री यूक्रेन के शहरों पर पुतिन के हमलों की ‘‘सार्वभौमिक निंदा’’ करने के लिए दुनियाभर के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं.
प्रवक्ता ने यूक्रेन में चल रहे संकट पर भारत के लिए ब्रिटेन के संदेश के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘पुतिन जो कदम उठा रहे हैं, हम उसके खिलाफ जितना संभव हो उतना व्यापक गठबंधन बनाना चाहते हैं.’’
UNGA में भारत ने रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर वोट नहीं दिया
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले की कड़ी निंदा करने वाले और रूस से यूक्रेन से हटने की 'मांग' वाले प्रस्ताव पर 141 देशों ने वोटिंग के दौरान रूस के खिलाफ मतदान किया, जबकि 5 देशों ने रूस का साथ दिया. वहीं भारत समेत 35 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. यह प्रस्ताव पास हो गया है.